Tuesday, November 21, 2017

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर

नई दिल्ली का स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का नाम दुनिया के सबसे विस्तृत मंदिर के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में 2005 में दर्ज हुआ। यह खूबसूरत मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होने के साथ ही, बहुत ही सुंदर, आकर्षक और आर्किटेक्चर के शानदार उदाहरणों में से एक है।
यह मंदिर 10,000 साल पुरानी भारतीय संस्कृति को बहुत सुंदर तरीके प्रस्तुत करता है। मंदिर में भारतीय शिल्पकला, परंपराओं और प्राचीन मान्यताओं को बहुत ही अच्छे तरीके से दर्शाया गया है इस मंदिर की खासियत यह भी है कि इसमें स्टील, इस्पात या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर के मिश्रण से बनाया गया है।

पांच साल में ही बन गया था ये विशाल मंदिर
स्वामीनारायण अक्षरधाम परिसर का निर्माण कार्य एचडीएच प्रमुख बोचासन के स्वामी महाराज श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) और11,000 कारीगरों और हजारों बीएपीएस स्वयंसेवकों के द्वारा लगभग पांच साल में पूरा किया गया था। इस विशाल मंदिर परिसर का उद्घाटन 6 नवंबर, 2005 को किया गया था।

अभिषेक में प्रयोग किया जाता है 151 नदियों का जल

 मंदिर में किया जाने वाला नीलकंठ वर्णी नाम का अभिषेक बहुत ही प्रसिद्ध है। इसे  विश्व शांति के साथ-साथ परिवार और मित्रों के सुख की प्रार्थनाएं की जाती हैं। इस अभिषेक के लिए भारत की 151 पवित्र नदियों,  झीलों और तालाबों के पानी का उपयोग किया जाता है। जिसकी वजह से ये यहां की प्रमुख आकर्षणों में से एक है।

देश की संस्कृति को दर्शाते है मंदिर के तीन हॉल

हॉल 1 - हॉल ऑफ वैल्यूज़ (50 मिनट)
अहिंसाईमानदारी और आध्यात्मिकता का उल्लेख करने वाली फिल्मों और रोबोटिक शो के माध्यम से चिरस्थायी मानव मूल्यों का अनुभव।

हॉल 2 - विशाल पर्दे पर फिल्म (40 मिनट)
नीलकंठ नामक एक ग्यारह वर्षीय योगी की अविश्वसनीय कथा के माध्यम से भारत की जानकारी लें। जिसमें भारतीय रीति-रिवाज़ों को संस्कृति और आध्यात्मिकता के माध्यम से जीवन-दर्शन में उतारा गया है। इसकी कला और शिल्पकला का सौंदर्य तथा अविस्मरणीय दृश्यावलियोंध्वनियों और इसके प्रेरक पर्वों को अनुभव किया जा सकता है।

हॉल 3 - कल्चरल बोट राइड (15 मिनट)
भारत की शानदार विरासत के 10,000 वर्षों का सफर कराती है। इसमें आप भारत के ऋषियों-वैज्ञानिकों की खोजों और आविष्कारों की जानकारी लें। विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला देखें। अजंता-एलोरा की गुफाओं से होकर जाएं और प्राचीन काल से ही मानवता के प्रति भारत के योगदान की जानकारी लें।

खास है यहां का म्यूजिकल फाउंटेन

यहां का म्यूजिकल फाउंटेन भी एक प्रमुख आकर्षण है, इसे जीवन चक्र कहा जाता है। इस संगीतमय फव्वारा शो में मनुष्य जन्मजीवनकाल और मृत्यु चक्र का उल्लेख किया जाता है।

गार्डन ऑफ इंडिया और लोटस गार्डन

 मंदिर परिसर में एक गार्डन है, जिसे गार्डन ऑफ इंडिया कहा जाता है। इस गार्डन में देश के वीर योद्धाओं और देशभक्तों की मूर्तियां लगाई गई हैं। इसके अलावा यहां पर एक कमल के आकार का बगीचा भी है, जो कि बहुत सुंदर और देखने योग्य है। 

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