आनन्द रामायण में कुल 9 काण्ड
हैं, जिनमें भगवान राम से जन्म से लेकर
स्वलोकगमन तक की कथाएं बताई गई हैं। ग्रंथ में खुद भगवान राम ने 7 ऐसी बातें बताई गई हैं, जो की मनुष्य के सबसे बड़े अवगुण
होते हैं। ये 7 अवगुण
ही मनुष्य के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं। जिस किसी मनुष्य में इन 7 में से कोई भी एक आदत मौजूद हो, उसे जीवन में कई परेशानियों का
सामना करना पड़ता है। अगर आपने भी ये 7 आदते
मौजूद हो तो उन्हें तुरंत छोड़ देने में ही भलाई होती है..
श्लोक-
निद्रालस्यं मघपानं धूतं वाराड्गनारतिः।
अतिक्रीडातिमृगया सप्त दोषा नृपस्य च।।
अतिक्रीडातिमृगया सप्त दोषा नृपस्य च।।
1. जुआ
जुआ
मनुष्य की सबसे बुरी आदतों में से एक माना जाता है। जुआ खेलने वाला जब इसका आदी हो
जाता है, तब वह जुए के आलावा और किसी चीज
के बारे में नहीं सोच पाता। वह लालची हो जाता है और कई बार वह कर्ज में भी डूब
जाता है। जुआरी खुद के साथ-साथ अपने परिवार की बर्बादी का कारण भी बनता है। जुए की
आदत किसी भी मनुष्य को बरबाद कर सकती है, इससे
दूर रहना चाहिए।
2. दूसरी
स्त्री से प्रेम करना
जो
मनुष्य अपनी स्त्री को छोड़कर दूसरी स्त्रियों पर ज्यादा ध्यान देता है, हर समय उनके आगे-पीछे घूमता रहता है, वह दुष्ट माना जाता है ऐसा मनुष्य किसी भी समय स्त्री के
साथ बुरा व्यवहार कर जाता है। ऐसे व्यक्ति के मन में बुरी भावनाएं उत्पन्न होती
रहती हैं। वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी भी हद कर जा सकता है और कई
बार तो अपराधी तक बन जाता है। साथ ही ऐसे मनुष्य के गृहस्थ जीवन में भी अविश्वास
और तनाव बना रहता है। यह आदत मनुष्य के सबसे बड़े दोषों में से एक है, इससे बचना चाहिए।
3. अधिक
निद्रा यानी देर तक सोना
देर
तक सोना आलस की निशानी होती है। आलसी मनुष्य घर के प्रति अपनी जिम्मेदारियां कभी
पूरी नहीं कर सकता। देर तक सोने वाला आलसी के साथ-साथ कामचोर भी बनता जाता है। ऐसे
मनुष्य को हर काम को टालने की आदत लग जाती है। साथ ही देर तक सोना कई बीमारियों का
भी कारण बन सकता है। इसलिए, देर
तक सोने की आदत से बचना चाहिए।
4. आलस्य
आलस
मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है। आलसी व्यक्ति जीवन में किसी भी अवसर का लाभ
नहीं लेता। आलस की वजह से मनुष्य अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं करता और सबकी नजरों
में बुराई का पात्र बनता जाता है। ना तो वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहता
है, ना आपने कामों के प्रति। आलस्य
की आदत को जितनी जल्दी हो सके छोड़ देना चाहिए।
5. मदपान
यानी शराब पीना
नशा
करने की या शराब पीने की आदत मनुष्य का सबसे बड़ा दोष मानी जाती है। नशे में
व्यक्ति को अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता और कई बार वह ऐसे काम भी कर देता है, जो उसे नहीं करना चाहिए। नशे में की गई गलतियों की सजा न कि
सिर्फ उस व्यक्ति को बल्कि उसके परिवार वालों को भी भुगतना पड़ती है। नशा करने
वाला मनुष्य अपने मान-सम्मान के साथ-साथ धन-सम्पत्ति का भी नाश कर लेता है। इस दोष
से हमेशा दूर रहना चाहिए।
6. शिकार
करना
शिकार
करना या जीव हत्या करना। कई लोगों को शिकार करने का शौक होता है। शिकार करने को
लंबे समय से स्टेटस सिंबल माना गया है और जो लोग शिकार नहीं करते है वह भी अनजाने
में कई बार निर्दोष जीवों की हत्या कर जाते हैं। जीव हत्या बहुत बड़ा पाप माना
जाता है। ऐसा करने से मनुष्य को इसके बुरे परिणाम किसी न किसी रूप में झेलना ही
पड़ते हैं। इसलिए, हर
किसी को शिकार करने की आदत छोड़ देना चाहिए।
7. ज्यादा
खेल-कूद करना
खेलना-कूदना
कई लोगों का शौक होता है, लेकिन
शौक कब आदत बन जाए पता नहीं चलता। जिस मनुष्य को खेल-कूद करने और अपना समय व्यर्थ
ही बरबाद करने की आदत लग जाती है, वह
हर समय यहीं काम करता रहता है। ऐसे मनुष्य का मन अपने कामों और जिम्मेदारियों से
हट कर इसी ओर केन्द्रित हो जाता है। जिसकी वजह से उसे कई परेशानियों का सामना करना
पड़ता है। इस आदत को छोड़ देने में ही समझदारी होती है।
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