भैरवाष्टमी को भगवान कालभैरव का अवतरण हुआ था। इस दिन भगवान कालभैरव
की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। भगवान भैरव के मुख्य 8 रूप माने जाते हैं। भगवान भैरव के
अलग-अलग रूपों की पूजा करने से अलग-अलग इच्छाएं पूरी होती है। जानिए भगवान भैरव के
8 रूपों के बारे में और उनकी
पूजा-अर्चना करने का महत्व...
1. क्रोध
भैरव
क्रोध
भैरव गहरे नीले रंग के शरीर वाले हैं। उनकी तीन आंखें हैं और सभी आखों में। भगवान
भैरव के इस रूप का वाहन गरुड़ हैं और ये दक्षिण-पश्चिम दिशा के स्वामी माने जाते
हैं। क्रोध भैरव की पूजा-अर्चना करने से सभी परेशानियों और बुरे वक्त से लड़ने की
क्षमता बढ़ती है।
2. कपाल
भैरव
इस
रूप में भगवान का शरीर चमकीला है और इस रूप में भगवान की सवारी हाथी है। भगवान
भैरव के इस रूप की पूजा-अर्चना करने से कानूनी कारवाइयां बंद हो जाती हैं। अटके
हुए काम पूरे होते हैं और सभी कामों में सफलता मिलती है। कपाल भैरव अपने एक हाथ
में त्रिशूल, दूसरे में तलवार, तीसरे में शस्त्र और चौथे में एक पात्र पकड़े हुए हैं।
3. असितांग
भैरव
असितांग
भैरव का रूप काला है। उन्होने गले में सफेद कपालो की माला पहन रखी है और हाथ में
भी एक कपाल धारण किए हुए हैं। तीन आंखों वाले असितांग भैरव की सवारी हंस है। भगवान
भैरव के इस रूप की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य में कलात्मक क्षमताएं बढ़ती हैं।
4. चंद
भैरव
इस
रूप में भगवान का रंग सफेद है और वे मोर की सवारी किए हुए हैं। भगवान की तीन आंखें
हैं और एक हाथ में तलवार और दूसरे में एक पात्र, तीसरे
हाथ में तीर और चौथे हाथ में धनुष लिए हुए हैं। चंद भैरव की पूजा करने से दुश्मनों
पर विजय मिलती है और हर बुरी परिस्थिति से लड़ने की क्षमता आती है।
5. गुरु
भैरव
गुरु
भैरव हाथ में कपाल, कुल्हाडी, एक पात्र और तलवार पकड़े हुए हैं। यह भगवान का नग्न रूप है
और इस रूप में भगवान की सवारी बैल है। गुरु भैरव के शरीर पर सांप लिपटा हुआ है।
उनके तीन हाथों में शस्त्र और एक हाथ में पात्र पकड़े हुए हैं। गुरु भैरव की पूजा
करने से अच्छी विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
6. संहार
भैरव
संहार
भैरव का रूप बहुत ही अनोखा है। संहार भैरव नग्न रूप में हैं, उनका शरीर लाल रंग का है और उनके सिर पर कपाल स्थापित है, वह भी लाल रंग का है। इनकी 3 आंखें
हैं और उनका वाहन कुत्ता है। संहार भैरव की आठ भुजाएं हैं और उनके शरीर पर सांप
लिपटा हुआ है। इसकी पूजा करने से मनुष्य के सभी पाप खत्म हो जाते हैं।
7. उन्मत्त
भैरव
उन्मत्त
भैरव भगवान के शांत स्वभाव का प्रतीक है। उन्मत्त भैरव की पूजा-अर्चना करने से
मनुष्य के मन की सारी नकारात्मकता और सारी बुराइयां खत्म हो जाती है। भैरव के इस
रूप का स्वरूप भी शांत और सुखद है। उन्मत्त भैरव के शरीर का रंग हल्का पीला है और
उनका वाहन घोड़ा है।
8. भीषण
भैरव
भीषण
भैरव की पूजा-करने से बुरी आत्माओं और भूतों से छुटकारा मिलता है। भीषण भैरव अपने
एक हाथ में कमल, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे में तलवार और चौंथे में एक पात्र पकड़े हुए हैं। भीषण
भैरव का वाहन शेर है।
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