सनातन परंपरा के अनुसार की जाने वाली शादी में कई रस्म और रिवाज
होते हैं। इन परंपराओं और रीति-रिवाजों में भी कई परंपराएं ऐसी हैं जिन्हें लेकर
हमारे मन में एक अजीब सा डर समाया हुआ है। ऐसी ही एक परंपरा है हल्दी लगने के बाद
दूल्हा या दुल्हन को बाहर नहीं निकलने देने का जब भी आपके घर में या आस पड़ोस में
कभी शादी हुई होगी तो आपने ये जरूर सुना होगा कि दूल्हा या दुल्हन को हल्दी लग गई
है, अब उसे अकेला नहीं छोड़ सकते या हल्दी लगने के बाद में बाहर
नहीं निकलना चाहिए नहीं तो बुरी आत्माओं का साया पड़ सकता है।
वास्तव में इस मान्यता के पीछे कोई अंधविश्वास नहीं है, क्योंकि हमारे बड़े-बूढ़ों हम से
ज्यादा उम्र दराज और जिंदगी का अनुभव लिए हुए होते हैं और वे जानते थे कि हल्दी से
शरीर की सुंदरता बढ़ती है और हर तरह के चर्म रोग व तन की दुर्गंध से भी निजात
मिलने के साथ ही रूप निखर आता है,लेकिन हल्दी लगाने के बाद बाहर ना निकलने के कई कारण हैं
जैसे हल्दी में एक विशेष तरह की गंध होती है। जिसके कारण वातावरण में उपस्थित
नकारात्मक और सकारात्मक सभी तरह की ऊर्जाएं उस व्यक्ति की तरफ तेजी से आकर्षित
होती है। ऐसे में व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रुप से मजबूत नहीं होता है, तो नकारात्मक ऊर्जा उसे
प्रभावित करती है। जिससे उसकी सोच में नेगेटीविटी आ सकती है।
वैज्ञानिक कारण
हल्दी लगाने के बाद सीधे धूप में निकलने पर त्वचा काली पड़
सकती है। साथ ही, इसका त्वचा पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसलिए यह परंपरा बनाई
गई ताकि दूल्हा या दुल्हन घर से बाहर न निकले और हल्दी अपना पूरा काम कर पाए और
उनके सौंदर्य में निखार आए।
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