Saturday, September 9, 2017

अधिकतर लोग श्राद्ध पक्ष में क्यों नहीं खाते हैं लहसुन-प्याज

शास्त्रों के अनुसार लहसुन और प्याज को तामसिक माना गया है। तामसिक चीजें खाने पर हमारे विचारों की पवित्रता खत्म हो सकती है, स्वभाव में गुस्सा बढ़ जाता है। मन एकाग्र नहीं रह पाता है। श्राद्ध का समय पूजन और ध्यान के लिए श्रेष्ठ बताया गया है, इन कर्मों के लिए मन की एकाग्रता और पवित्रता बहुत जरूरी है। इसीलिए श्राद्ध के समय खाने की ऐसी चीजें वर्जित की गई हैं जो मन की एकाग्रता भंग कर सकती हैं।

धार्मिक मान्यता
यदि कोई व्यक्ति श्राद्ध में वर्जित की गई चीजों का सेवन करता है तो उससे पितर देवता नाराज हो सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि पितर देवता के नाराज होने पर घर में सुख-समृद्धि टिक नहीं पाती है। परिवार के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पितर देवता की कृपा के बिना अन्य देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त नहीं की जा सकती है।

ध्यान रखें ये बातें...
- श्राद्ध में ये चीजें महत्वपूर्ण हैं- गंगाजल, दूध, शहद, कुश और तिल। पूजा में इनका उपयोग अनिवार्य रूप से करना चाहिए।
- शास्त्रों के अनुसार तुलसी से पितृगण प्रसन्न होते हैं। तुलसी से पिंड की पूजा करने से पितर लोग हमेशा तृप्त रहते हैं।
- पूजा के लिए सोना, चांदी कांसे, तांबे के बर्तन उत्तम हैं। इनके अभाव में पत्तल का उपयोग किया जा सकता है। केले के पत्ते पर श्राद्ध का भोजन नहीं करना चाहिए।
- श्राद्ध में रेशमी, कंबल, ऊन, लकड़ी, कुश आदि के आसन श्रेष्ठ हैं। आसन में लोहा किसी भी रूप में उपयोग नहीं होना चाहिए।
- पितरों के लिए धूप देते समय दाहिने हाथ के अंगूठे से जल अर्पित करना चाहिए।

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