Wednesday, September 13, 2017

श्राद्ध और तर्पण

श्राद्ध और तर्पण से पितर देवता प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों की मान्यता है कि घर-परिवार के मृत सदस्य ही पितर देवता बनते हैं और इनकी आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध पक्ष में विशेष पुण्य कर्म किए जाते हैं। इन कर्मों से पितर देवता हमारी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। यहां जानिए कुछ ऐसी बातें, जिन्हें श्राद्ध पक्ष में ध्यान रखना चाहिए...

1. श्राद्ध में चांदी के बर्तन का उपयोग बहुत शुभ रहता है। पितरों को अर्घ्य देने के लिए, पिण्ड दान करने के लिए और ब्राह्मणों के भोजन के लिए चांदी के बर्तन का उपयोग करना चाहिए। अगर चांदी के बर्तन नहीं है तो कांसे या तांबे के बर्तन का उपयोग कर सकते हैं। अगर ये भी नहीं है तो पत्तल पर खाना खिला सकते हैं।

2.श्राद्ध के लिए गाय का दूध और गाय के दूध से बने घी, दही का उपयोग करना चाहिए।

3.पितरों को धूप देते समय सीधे जमीन पर बैठना नहीं चाहिए। रेशमी, कंबल, ऊन, लकड़ी या कुश के आसन पर बैठकर श्राद्ध करना चाहिए।

4.श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराते समय ये नहीं पूछना चाहिए कि खाना कैसा बना है। ब्राह्मणों को शांति से भोजन कराना चाहिए। मान्यता है कि खाते समय जब तक ब्राह्मण मौन रहते हैं तब तक पितर देवता भी भोजन ग्रहण करते हैं।

5. श्राद्ध पक्ष में अगर कोई भिखारी घर आता है तो उसे खाली हाथ नहीं जाने देना चाहिए। उसे खाना या धन का दान अवश्य करें।

6. ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद धन का दान करें और पूरे आदर-सम्मान के साथ उन्हें विदा करना चाहिए।
https://religion.bhaskar.com/news/JM-JYO-RAN-shraddha-paksha-in-hindi-pitru-paksha-2017-5691921-PHO.html?seq=1

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