Wednesday, September 27, 2017

नवरात्र स्पेशल: देवी के 4 अनोखे मंदिर, हर किसी से जुड़ा है कोई न कोई चमत्कार

नवरात्र में सभी जगह माता की पूजा-अर्चना की जा रही है। आज हम आपको माता के कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो की अपने चमत्कारों और इतिहास के लिए प्रसिद्ध हैं।

करणी माता मंदिर (राजस्थान)
राजस्थान के प्रसिद्ध शहर बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक छोटा से गांव में देवी एक अद्भुत मंदिर है। यह मंदिर जोधपुर के सड़क मार्ग पर ही पड़ता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यहां पर दिया जाने वाले प्रसाद है। इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में चूहों का झूठा प्रसाद दिया जाता है। इस मंदिर में करणी माता के साथ-साथ हजारों चूहे भी रहते हैं। जिस वजह से इसे चूहे वाला मंदिर भी कहा जाता है।

माना जाता है कि करणी माता साक्षात देवी दुर्गा का ही अवतार है। यहां के निवासियों का कहना है कि कई हजार साल पहले इसी जगह की एक गुफा में देवी दुर्गा ने करणी अवतार लिया था और कई सालों तक उसी गुफा में ध्यान करती रहीं।
मंदिर के परिसर में कई काले और सफेद चूहे घूमते रहते हैं। यहां की एक मान्यता है कि अगर किसी भक्त को मंदिर में सफेद चूहे के दर्शन हो जाते हैं तो उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।

बगलामुखी माता मंदिर (मध्यप्रदेश)
तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता हैं। उनमें से एक हैं बगलामुखी। माता बगलामुखी के पूरे विश्व में केवल तीन ही प्राचीन मंदिर माने जाते हैं, जिन्हें सिद्धपीठ कहा जाता है। जिनमें से एक है दतिया (मध्यप्रदेश) में, दूसरा है कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) और तीसरा नलखेड़ा (मध्यप्रदेश) में।

मध्यप्रदेश के शाजापुर नामक जिले में नलखेड़ा नाम की एक छोटी सी जगह है। यहां पर माता बगलामुखी का एक सुंदर मंदिर है, जो की तांत्रिक क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि जो भी मनुष्य अपनी इच्छा पूरी करने के लिए पूरी श्रद्धा के साथ बगलमुखी माता की पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

इस मंदिर में माता बगलामुखी के साथ-साथ माता लक्ष्मी, भगवान कृष्ण, भगवान हनुमान, भैरव देव और देवी सरस्वती भी विराजमान हैं। इस मंदिर में बिल्वपत्र, चंपा, सफेद आँकड़ा, आँवला, नीम एवं पीपल के पेड़ एक साथ स्थित हैं। इसके आसपास सुंदर और हरा-भरा बगीचा बना हुआ है। नवरात्रि में यहां पर भक्तों की भीड़ लगी रहती है।

सिमसा माता मंदिर (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लड़-भड़ोल तहसील के सिमस नामक खूबसूरत जगह पर माता सिमसा का एक चमत्कारी मंदिर है। यह एक ऐसा मंदिर है, जहां माता सिमसा हर रोज अपना चमत्कार दिखाती है। माता सिमसा या देवी सिमसा को संतान-दात्री के नाम से भी जाना जाता है, क्यों इस मंदिर में प्रार्थना करने से निःसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है। हर वर्ष यहां कई नि:संतान दंपति संतान पाने की इच्छा ले कर माता सिमसा के दरबार में आते हैं।

नवरात्र में नि:संतान महिलाएं माता सिमसा के मंदिर में डेरा डालती हैं और दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती हैं। कहा जाता है कि जो महिलाएं माता सिमसा के प्रति मन में श्रद्धा लेकर से मंदिर में आती है, माता सिमसा उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

तनोट माता मंदिर (राजस्थान)
जैसलमेर से लगभग 130 कि.मी. की दूरी पर बना माता तनोट का मंदिर भारत-पाकिस्तान की बार्डर के पास ही है। इस मंदिर कई भक्तों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था का कारण 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान के युद्ध में हुआ देवी का चमत्कार है।
1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना ने इस क्षेत्र में कई बम फेंके। सभी बम माता के मंदिर के आस-पास वाले क्षेत्र में ही फेंके गए थे। इस युद्ध के दौरान माता ने अपना चमत्कार दिखाया और यहां फेंके गए बमों में से एक भी बम माता के इस मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाया। साथ ही कई बम तो फटे तक नहीं। इस चमत्कार को देखकर लोगों को माता पर और भी आस्था बढ़ गई।

तनोट माता को हिंगलाज माता का ही एक रूप है। हिंगलाज माता का शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है। हर साल आश्विन और चै‍त्र नवरात्र में यहां माता को प्रसन्न करने के लिए विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।

No comments:

Post a Comment