देवी का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल
वैष्णो देवी मंदिर जम्मू-कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों पर बसा है। हर साल लाखों
भक्त यहां की यात्रा करते हैं। जितना महत्व वैष्णो देवी का है, उतना ही महत्व यहां की गुफा का
भी है। देवी के मंदिर तक पहुंचने के लिए एक प्राचीन गुफा का प्रयोग किया जाता था।
यह गुफा बहुत ही चमत्कारी और रहस्यों से भरी हुई है।
जानिए वैष्णो देवी की गुफा से
जुड़े 6 अनोखे रहस्य...
1. माता
वैष्णो देवी के दर्शन के लिए वर्तमान में जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है, वह गुफा में प्रवेश का प्राकृतिक
रास्ता नहीं है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कृत्रिम रास्ते का निर्माण
1977 में किया गया। वर्तमान में
इसी रास्ते से श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचते हैं।
2. किस्मत
वाले भक्तों को प्राचीन गुफा से आज भी माता के भवन में प्रवेश का सौभाग्य मिल
जाता है। यहां पर नियम है कि जब कभी भी दस हजार के कम श्रद्धालु होते हैं तब
प्राचीन गुफा का द्वार खोल दिया जाता है।
3. मां
माता वैष्णो देवी के दरबार में प्राचीन गुफा का काफी महत्व है। मान्यता है कि
प्राचीन गुफा के अंदर भैरव का शरीर मौजूद है। माता ने यहीं पर भैरव को अपने त्रिशूल
से मारा था और उसका सिर उड़कर भैरव घाटी में चला गया और शरीर यहां रह गया।
4. प्राचीन
गुफा का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसमें पवित्र गंगा जल प्रवाहित होता रहता
है। इस जल से पवित्र होकर माता के दरबार में पहुंचने का विशेष महत्व माना जाता है।
5. वैष्णो
देवी मंदिर तक पहुंचने वाली घाटी में कई पड़ाव भी हैं, जिनमें से एक है आदि कुंवारी
या आद्यकुंवारी। यहीं एक और गुफा भी है, जिसे
गर्भजून के नाम से जाना जाता है। गर्भजून गुफा को लेकर मान्यता है कि माता यहां 9 महीने तक उसी प्रकार रही थी जैसे एक शिशु माता के गर्भ
में 9 महीने तक रहता है।
6. गर्भजून
गुफा को लेकर माना जाता है कि इस गुफा में जाने से मनुष्य को फिर गर्भ में नहीं
जाना पड़ता है। अगर मनुष्य गर्भ में आता भी है तो गर्भ में उसे कष्ट नहीं उठाना
पड़ता है और उसका जन्म सुख
एवं वैभव से भरा होता है।
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