Saturday, March 18, 2017

शादी से पहले क्यों जरूरी होता है गुण मिलान, जानें इसकी सही वजह

कहते है शादी वह बंधन है जिसके माध्यम से सिर्फ दो दिलों का मिलन नहीं होता है, बल्कि दो परिवारों का मिलन होता है। इस रस्म के बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। इसलिए विवाह के संबंध में कई महत्वपूर्ण सावधानियां रखना जरूरी है। विवाह के बाद वर-वधू का जीवन सुखी और खुशियोंभरा हो यही कामना की जाती है।

वर-वधू का जीवन सुखी बना रहे इसके लिए विवाह पूर्व लड़के और लड़की की गुणों का मिलान कराया जाता है। किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी द्वारा भावी दंपत्ति की कुंडलियों से दोनों के गुण और दोष मिलाए जाते हैं। गुण मिलान करते समय वर-वधु के छत्तीस गुण होते हैं। छत्तीस में से कम से कम अठारह गुणों का मिलना जरूरी होता है। ये गुण क्रमश: वर्ण, वश्य, तारा, योनी, गृहमैत्री, गण, भृकुट, नाड़ी है।

इनमें से वर्ण से दोनों के बीच का अहम भाव, वश्य से दोनों के बीच का आकर्षण, तारा से स्वास्थ्य, योनी से संतुष्टि, गृह मैत्री से आध्यात्मिता व बौद्धिक स्तर, गण स्वभाव, भृकुट से पारिवारिक मेलजोल और नाड़ी स्वास्थ्य देखा जाता है। साथ ही दोनों की पत्रिका में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए इनका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा? यह भी सटिक अंदाजा लगाया जाता है। यदि दोनों की कुंडलियां के आधार इनका जीवन सुखी प्रतीत होता है तभी ज्योतिषी विवाह करने की बात कहता है। ज्योतिषी मान्यता है यदि दोनों में से किसी की भी कुंडली में कोई दोष हो या गुण मिलान नहीं हो तो इस वजह से इनका जीवन सुख-शांति वाला नहीं रहेगा, इसलिए ऐसा विवाह नहीं कराया जाना चाहिए।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-indian-ritual-of-marriage-news-hindi-5551728-NOR.html

No comments:

Post a Comment