गरुडपुराण में 3 ऐसे बातों के बारे में बताया
गया है, जो घर-परिवार में लड़ाई-झगड़ों का कारण बनते हैं। इन बातों
पर ध्यान न दिया जाए तो परिवार के लोगों में दूरियां बढ़ती ही जाती है। जो मनुष्य
घर में चल रहे क्लेश को खत्म करके स्थाई यानी जीवनभर सुख और शांति चाहता है, उसे तो यह तीन आदतें तुरंत ही
छोड़ देना चाहिए।
श्लोक-
यदीच्छेच्छाश्र्वतीं प्रीतिं त्रीन् दोषान् परिवर्जयेत्।
धूतमर्थप्रयोगं च परोक्षे दारदर्शनम्।।
1. पैसों का लेन-देन करना
पैसा हर किसी के जीवन का आधार होता है। पैसों के बिना सुखी जीवन की कामना करना संभव नहीं होता। कई लोग बिना मेहमत किए पैसों की चाह रखते हैं, जिसके चलते वे अपने मित्रों और रिश्तेदारों से पैसों का देन-लेन करते रहते हैं। कई बार यही बात मनुष्य के संबंधों की बर्बादी का कारण भी बन जाती है। यह आदत मनुष्य के संबंधों के साथ उसकी सुख-शांति भी छीन सकती है। इसलिए जितनी जल्दी हो सकें इस आदत को छोड़ देना चाहिए।
2. जुआ खेलना
जुआ खेलना कई लोगों की आदत में आ जाता है। कई लोग इसे स्टेटस सिंबल भी मानते हैं, लेकिन यह आदत किसी भी मनुष्य के मान-सम्मान और जीवन को खत्म कर सकती है। जुए की लत में मनुष्य अपना लालच पूरा करने के लिए खुद के साथ-साथ अपने परिवार के भी नुकसान का कारण बन जाता है। यह आदत किसी के भी जीवन को दुःखों और शर्मिदगी से भर सकती है। जितनी जल्दी हो सके इसे छोड़ने में ही भलाई होती है।
3. स्त्रियों को बुरी नजर से देखना
काम भावना मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरियों में से एक होती है। हर किसी को अपने काम भाव पर नियंत्रण रखना चाहिए, वरना यही बात उसके लिए दुःखों और परेशानियों का कारण भी बन सकती है। जो मनुष्य पराई स्त्रियों को बुरी नजर से देखता है, वह अपनी काम भावना को शांत करने के लिए किसी के भी साथ बुरा व्यवहार भी कर सकता है। जिसकी वजह से उसका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है। स्थाई सुख चाहने वालों के ऐसा भावनाएं त्याग देनी चाहिए।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JKR-DGRA-3-reason-cause-fights-in-family-news-hindi-5554668-PHO.html
श्लोक-
यदीच्छेच्छाश्र्वतीं प्रीतिं त्रीन् दोषान् परिवर्जयेत्।
धूतमर्थप्रयोगं च परोक्षे दारदर्शनम्।।
1. पैसों का लेन-देन करना
पैसा हर किसी के जीवन का आधार होता है। पैसों के बिना सुखी जीवन की कामना करना संभव नहीं होता। कई लोग बिना मेहमत किए पैसों की चाह रखते हैं, जिसके चलते वे अपने मित्रों और रिश्तेदारों से पैसों का देन-लेन करते रहते हैं। कई बार यही बात मनुष्य के संबंधों की बर्बादी का कारण भी बन जाती है। यह आदत मनुष्य के संबंधों के साथ उसकी सुख-शांति भी छीन सकती है। इसलिए जितनी जल्दी हो सकें इस आदत को छोड़ देना चाहिए।
2. जुआ खेलना
जुआ खेलना कई लोगों की आदत में आ जाता है। कई लोग इसे स्टेटस सिंबल भी मानते हैं, लेकिन यह आदत किसी भी मनुष्य के मान-सम्मान और जीवन को खत्म कर सकती है। जुए की लत में मनुष्य अपना लालच पूरा करने के लिए खुद के साथ-साथ अपने परिवार के भी नुकसान का कारण बन जाता है। यह आदत किसी के भी जीवन को दुःखों और शर्मिदगी से भर सकती है। जितनी जल्दी हो सके इसे छोड़ने में ही भलाई होती है।
3. स्त्रियों को बुरी नजर से देखना
काम भावना मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरियों में से एक होती है। हर किसी को अपने काम भाव पर नियंत्रण रखना चाहिए, वरना यही बात उसके लिए दुःखों और परेशानियों का कारण भी बन सकती है। जो मनुष्य पराई स्त्रियों को बुरी नजर से देखता है, वह अपनी काम भावना को शांत करने के लिए किसी के भी साथ बुरा व्यवहार भी कर सकता है। जिसकी वजह से उसका पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है। स्थाई सुख चाहने वालों के ऐसा भावनाएं त्याग देनी चाहिए।
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