Monday, May 16, 2016

क्यों दुल्हन के गृह प्रवेश का मुहूर्त देखा जाता है?


हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम किया जाता है तो मुहूर्त जरूर देखा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इससे काम में सफलता मिलती है। हमारे यहां शादी में भी हर रस्म ज्योतिष और हमारे धर्म ग्रंथ के अनुसार गृह प्रवेश के समय के आधार पर ही मुहूर्त में निभाई जाती है, लेकिन अक्सर लोग गृहप्रवेश के समय मुहूर्त का ध्यान नहीं रखते हैं। जबकि, इस पर नवविवाहित युगल का जीवन निर्भर करता है।

इसी वजह से सही समय और शुभ मुहूर्त देखकर ही वर-वधू को गृह प्रवेश कराया जाता है। ऐसा माना जाता है यदि निश्चित समय पर कोई शुभ मुहूर्त नहीं आ रहा हो तो कुछ समय के लिए गृह प्रवेश टाल देना चाहिए।हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार वधू को लक्ष्मी का ही रूप माना गया है। यदि गलत समय में वधू को गृह प्रवेश कराया जाता है तो उस घर में लक्ष्मी स्थाई रूप से नहीं रुकती।

यही कारण है कि सही समय देखकर ही नववधू को घर में प्रवेश कराने की परंपरा है। इससे दूल्हे के घर में लक्ष्मी का स्थाई वास होता है और वर-वधू का जीवन सुख-समृद्धि के साथ-साथ खुशियों भरा रहता है। नवीन वधू के प्रवेश के लिए रात्रिकाल में शुभ माना जाता है। इसके लिए विशेषकर स्थिर संज्ञक नक्षत्र (उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद व रोहिणी) शुभ माने गए हैं।

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