दुनिया में कई
प्रसिद्ध तीर्थों के आस-पास गर्म पानी के कुण्ड मौजूद है। गर्म पानी के ये कुण्ड
पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। भू-वैज्ञानिकों ने अनेक गर्म पानी के
कुंडों की पहचान की है। इन कुंडों का पानी हर मौसम के अपने आज किस तरह गर्म रहता
है, ये बात आज भी
रहस्य बनी हुई है। आज हम आपको ऐसे ही 8 अनोखे कुण्डों के बारे में बताने वाले हैं।
1. यमुनोत्री (उत्तराखंड)
यमुनोत्री
उत्तराखंड राज्य में यमुना नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। यमुनोत्री के पास ही
कई कुंड बने हुए हैं, जिनमें से सूर्यकुंड गर्म पानी का प्रसिद्ध कुंड हैं। इस
कुंड का पानी इतना गर्म रहता है कि कई बार उसमें हाथ में डालना संभव नहीं होता।
तीर्थ यात्री इस कुंड के पानी में अपना भोजन पका लेते हैं। यमुनाजी का मन्दिर यहां
की आराधना का मुख्य केन्द्र है।
2.मणिकरण (हिमाचल प्रदेश)
मणिकरण हिमाचल प्रदेश में कुल्लू से 45 किलोमीटर दूर है।
यह जगह खासतौर पर गर्म पानी के स्रोत के लिए जानी जाती है। इस पानी का तापमान बहुत
अधिक है। यह स्थान हिंदू व सिखों के लिए आस्था का केंद्र है। यहां एक प्रसिद्ध
मंदिर है और सिखों के प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से एक यहां स्थित है। यहां के गर्म
पानी के कुंड के जल में गुरुद्वारे के लिए चावल आदि पकाए जाते है।
3. तुलसी-श्याम कुंड (गुजरात)
तुलसी श्यामकुण्ड, जूनागढ़ से 65 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पर गर्म पानी के तीन कुण्ड
हैं। इनकी खासियत यह है कि तीनों में अलग-अलग तापमान का पानी रहता है। तुलसी श्याम
कुण्ड के पास ही 700 साल पुराना रुक्मीणि देवी का मंदिर है।
4.अत्रि जल कुंड (ओडिशा)
ओडिशा का अत्रि उसके सल्फरयुक्त गर्म पानी के कुंडों
के लिए प्रसिद्ध है। यह जलकुंड भुवनेश्वर से 42 कि.मी. दूर है। इस कुंड के पानी का तापमान 55डिग्री है। कुंड
में स्नान करने से बहुत ताजगी महसूस होती है व थकान दूर हो जाती है। इसके अलावा
अत्रि जाए तो वहां के हाटकेश्वर मंदिर के दर्शन करना न भूलें।
5.बकरेश्वर जल कुंड (पश्चिम बंगाल)
यह पश्चिम बंगाल का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इसकी
पश्चिम बंगाल के भ्रमण स्थलों में एक अलग पहचान है, क्योंकि यहां गर्म पानी के कुंड है। यहां देश के कोने-कोने
से लोग पवित्र कुंडों में स्नान के लिए आते हैं। इन कुंडों में स्नान से कई रोग
दूर हो जाते हैं।
6.यूमेसमडोंग (सिक्किम)
यूमेसमडोंग सिक्किम के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से
एक है। उत्तर-पूर्वी राज्य में बना ये कुंड 15500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यूमेसमडोंग में 14सल्फर के जल से
युक्त कुंड हैं। जिनका तापमान लगभग 50 डिग्री रहता है। इनमे सबसे प्रसिद्ध बोरोंग और रालोंग है, जहां साल भर
पर्यटकों की भीड़ लगा रहते है।
7. पनामिक (लद्दाख)
नुब्रा वैली का मतलब है फूलों की घाटी। यह वैली
सियाचिन ग्लैशियर से 9 कि..मी. की दूरी पर है। यह जगह गर्म पानी के कुंड के लिए भी
जानी जाती है। यहां का पानी बहुत अधिक गर्म होता है। पानी से बुलबुले निकलते दिखाई
देते हैं। पानी इतना गर्म होता है कि इसे छुआ नहीं जा सकता।
8. राजगीर के जल कुंड (बिहार)
पटना के समीप राजगीर को भारत के सबसे पवित्र स्थलों
में से एक माना जाता है। यह कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। राजगीर न
सिर्फ एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल है। देव नगरी राजगीर सभी धर्मो की संगमस्थली
है। कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा बसु ने राजगीर के
ब्रह्मकुंड परिसर में एक यज्ञ का आयोजन कराया था।
इसी दौरान आए सभी देवी-देवताओं को एक ही कुंड में
स्नान करने में परेशानी होने लगी। तभी ब्रह्मा ने यहां 22 कुंड और 52 जलधाराओं का
निर्माण कराया था। वैभारगिरी पर्वत की सीढिय़ों पर मंदिरों के बीच गर्म जल के कई
झरने हैं, जहां सप्तकर्णी
गुफाओं से जल आता है। इस पर्वत में कई तरह के केमिकल्स जैसे सोडियम, गंधक, सल्फर हैं। इसकी
वजह से जल गर्म और रोग को मिटाने वाला होता है। ब्रह्मकुंड यहां का सबसे खास कुंड
हैं। इसका तापमान 45 डिग्री सेल्सियस होता है। इसे पाताल गंगा भी कहा जाता है।
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