Friday, August 18, 2017

इन 5 कामों में देर करना अच्छी बात है, बच सकते हैं परेशानियों से

महाभारत के एक श्लोक में बताया है कि हमें किन कामों को ज्यादा से ज्यादा टालने की कोशिश करना चाहिए...

रागे दर्पे  माने  द्रोहे पापे  कर्मणि।
अप्रिये चैव कर्तव्ये चिरकारी प्रशस्यते।।
ये श्लोक महाभारत के शांति पर्व में दिया गया है। इस श्लोक में 5 काम ऐसे बताए गए हैं, जिनमें देर करने पर हम कई परेशानियों से बच सकते हैं। 

पहला काम है राग यानी अत्यधिक मोह
पहला काम है राग यानी अत्यधिक मोह, अत्यधिक जोश, अत्यधिक वासना। राग एक बुराई है। इससे बचना चाहिए। जब भी मन में राग भाव जागे तो कुछ समय के शांत हो जाना चाहिए। अधिक जोश में किया गया काम बिगड़ भी सकता है। वासना को काबू न किया जाए तो इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। किसी के प्रति मोह बढ़ाने में भी कुछ समय रुक जाना चाहिए। राग का भाव जागने पर कुछ देर रुकेंगे तो ये विचार शांत हो सकते हैं और हम बुराई से बच जाएंगे।

दूसरा काम है घमंड
दर्प यानी घमंड ऐसी बुराई है जो व्यक्ति को बर्बाद कर सकती है। घमंड के कारण ही रावण और दुर्योधन का अंत हुआ था। घमंड का भाव मन में आते ही एकदम प्रदर्शित नहीं करना चाहिए। कुछ देर रुक जाएं। ऐसा करने पर हो सकता है कि आपके मन से घमंड का भाव ही खत्म हो जाए और आप इस बुराई से बच जाएं।

तीसरा काम है लड़ाई करना
यदि कोई ताकतवर इंसान किसी कमजोर से भी लड़ाई करेगा तो कुछ नुकसान तो ताकतवर को भी होता है। लड़ाई करने से पहले थोड़ी देर रुक जाना चाहिए। ऐसा करने पर भविष्य में होने वाली कई परेशानियों से हम बच सकते हैं। आपसी रिश्तों में वाद-विवाद होते रहते हैं, लेकिन झगड़े की स्थिति आ जाए तो कुछ देर शांत हो जाना चाहिए। झगड़ा भी शांत हो जाएगा।

चौथा काम है पाप करना
यदि मन में कोई गलत काम यानी पाप करने के लिए विचार बन रहे हैं तो ये परेशानी की बात है। गलत काम जैसे चोरी करना, स्त्रियों का अपमान करना, धर्म के विरुद्ध काम करना आदि। ये काम करने से पहले थोड़ी देर रुक जाएंगे तो मन से गलत काम करने के विचार खत्म हो सकते हैं। पाप कर्म से व्यक्ति का सुख और पुण्य नष्ट हो जाता है।

पांचवां काम है दूसरों को नुकसान पहुंचाना
यदि हम किसी का नुकसान करने की योजना बना रहे हैं तो इस योजना पर काम करने से पहले कुछ देर रुक जाना चाहिए। इस काम में जितनी देर करेंगे, उतना अच्छा रहेगा। किसी को नुकसान पहुंचाना अधर्म है और इससे बचना चाहिए। पुरानी कहावत है जो लोग दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, एक दिन वे ही उस गड्ढे में गिरते हैं। इसीलिए दूसरों का अहित करने से पहले कुछ देर रुक जाना चाहिए।

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