सिंदूर लगाना व मंगलसूत्र
पहनना न सिर्फ विवाहित महिला की पहचान है, बल्कि
ये किसी भी अन्य मूल्यवान वस्तु से अधिक कीमती माना गया है, लेकिन क्या आपने कभी सिंदूर के बारे में गहराई से जाना है
कि उसका इतना महत्व क्यों है और उसका उपयोग विवाहित महिलाओं के लिए इतना आवश्यक
क्यों है।किस तरह सिंदूर लगाने पर पति की अचानक मृत्यु नहीं होती है। इन सभी
सवालों का जवाब ही सिंदूर को महत्वपूर्ण बनाते हैं। आइए जानते हैं धर्म ग्रंथों मे
बताए गए सिंदूर के महत्व को….
क्यों बनाई गई परंपरा
हिंदू परंपराओं में से अधिकतर के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक
कारण जरूर छुपा है। ऐसा ही एक कारण मांग में सिंदूर भरने के पीछे भी है। दरअसल, सिर के बीच जिस स्थान पर मांग
भरी जाती है वहां एक विशेष ग्रंथि पाई जाती है। जिसे हमारे शास्त्रों में
ब्रह्मारंध्र कहा गया है।
स्त्रियों के शरीर में ये जगह बहुत अधिक संवेदनशील होती है।
इस जगह पर सिंदूर लगाने से तनाव कम होता है व दिमाग से जुड़ी बीमारियां होने की
संभावना कम हो जाती है, क्योंकि
सिंदूर में पारा नाम की धातु मौजूद होती है।
विभिन्न मान्यताएं
ये तथ्य ज्योतिषीय और सामाजिक मान्यताओं, दोनों पर ही आधारित हैं, लेकिन अंत में इसके पीछे का
पौराणिक महत्व भी हम आपको समझाएंगे। मान्यताओं के अनुसार यदि पत्नी के मांग के
बीचो-बीच सिंदूर लगा हुआ है, तो
उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है। माना जाता है कि यह सिंदूर उसके पति को
संकट से बचाता है।
यहां तो बिल्कुल भी ना लगाएं
एक और मान्यता के अनुसार जो स्त्री बीच मांग में सिंदूर लगाने की बजाए किनारे की तरफ सिंदूर लगाती है, उसका पति उससे किनारा कर लेता है।
एक और मान्यता के अनुसार जो स्त्री बीच मांग में सिंदूर लगाने की बजाए किनारे की तरफ सिंदूर लगाती है, उसका पति उससे किनारा कर लेता है।
लंबी आयु के लिए
यदि स्त्री के बीच मांग में सिंदूर भरा है और सिंदूर भी काफी लंबा लगाती है, तो उसके पति की आयु लंबी होती है।
यदि स्त्री के बीच मांग में सिंदूर भरा है और सिंदूर भी काफी लंबा लगाती है, तो उसके पति की आयु लंबी होती है।
पौराणिक कहानी
किवदंती के अनुसार श्रीराम पहली बार जब बालि से युद्ध करने गए तो उन्होंने बालि पर वार नहीं किया और सुग्रीव ने बालि से काफी मार खाई वो किसी तरह अपनी जान बचाते हुए श्रीराम के पास पहुंचा और यह सवाल किया कि उन्होंने बालि को क्यों नहीं मारा। जिस पर श्रीराम ने कहा कि तुम्हारी और बालि की शक्ल एक सी है, इसलिए मैं भ्रमित हो गया और वार ना कर सका, लेकिन ये पूरी सच्चाई नहीं है। असली बात तो यह थी कि जब श्रीराम बालि को मारने ही वाले थे तो उनकी नजर अचानक बालि की पत्नी तारा की मांग पर पड़ी, जो कि सिंदूर से भरी हुई थी। इसलिए उन्होंने सिंदूर का सम्मान करते हुए बालि को तब नहीं मारा, लेकिन अगली बार जब उन्होंने यह पाया कि बालि की पत्नी वहां मौजूद नहीं है, तो मौका पाते ही उन्होंने बालि को मार गिराया।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-how-to-apply-sindoor-on-forehead-news-hindi-5568446-PHO.htmlकिवदंती के अनुसार श्रीराम पहली बार जब बालि से युद्ध करने गए तो उन्होंने बालि पर वार नहीं किया और सुग्रीव ने बालि से काफी मार खाई वो किसी तरह अपनी जान बचाते हुए श्रीराम के पास पहुंचा और यह सवाल किया कि उन्होंने बालि को क्यों नहीं मारा। जिस पर श्रीराम ने कहा कि तुम्हारी और बालि की शक्ल एक सी है, इसलिए मैं भ्रमित हो गया और वार ना कर सका, लेकिन ये पूरी सच्चाई नहीं है। असली बात तो यह थी कि जब श्रीराम बालि को मारने ही वाले थे तो उनकी नजर अचानक बालि की पत्नी तारा की मांग पर पड़ी, जो कि सिंदूर से भरी हुई थी। इसलिए उन्होंने सिंदूर का सम्मान करते हुए बालि को तब नहीं मारा, लेकिन अगली बार जब उन्होंने यह पाया कि बालि की पत्नी वहां मौजूद नहीं है, तो मौका पाते ही उन्होंने बालि को मार गिराया।
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