भारतीय परंपरा के अनुसार हर काम
की शुरुआत में गणपति को पहले मनाया जाता है। शिक्षा से लेकर नए वाहन तक, व्यापार से लेकर विवाह तक हर
काम में पहले गणपति को ही आमंत्रित किया जाता है। ऐसा कौन सा कारण है कि हम गणपति
के बिना कोई काम नहीं कर सकते।
दरअसल, गणपति बुद्धि और विवेक के देवता
है। बुद्धि से ही विवेक आता है और जब दोनों साथ हों तो कोई भी काम किया जाए उसमें
सफलता मिलना निश्चित है। हम जब गणपति को पूजते हैं तो यह आशीर्वाद मांगते हैं कि
हमारी बुद्धि स्वस्थ्य रहे और हम सही वक्त पर सही निर्णय लेते रहे ताकि हमारा हर
काम सफल हो। इसके पीछे संदेश यही है कि आप जब भी कोई काम शुरू करें तो अपनी बुद्धि
को स्थिर रखें।
यही कारण है कि शादी के
कार्ड पर भी गणपति जी का चित्र बनाया जाता है। साथ ही, गणेश जी को विघ्रहर्ता भी कहा जाता है शादी जैसा बड़ा
आयोजन बिना किसी विघ्र यानी रुकावट के संपन्न हो जाए इसलिए सबसे पहले श्री गणेश को
पीले चावल और लड्डू का भोग अर्पित कर पूरा परिवार एकत्रित होकर उनसे शादी में
पधारने के लिए प्रार्थना करता है ताकि शादी में सभी गजानन की कृपा से खुश रहें।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-why-lord-ganeshas-picture-is-printed-on-the-cover-of-every-wedding-card-news-hin-5572244-.html
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