Friday, April 7, 2017

कुमकुम के तिलक पर चावल लगाना जरूरी क्यों, जानें इस रिवाज़ का असली कारण


हिंदू धर्म पूजन से जुड़ी अनेक परंपराएं हैं। उन्ही में से एक परंपरा है पूजन के समय माथे पर कुमकुम का तिलक लगाने की और उस पर चावल लगाकर चावल पीछे की तरफ फेंकने की। तिलक ललाट पर या छोटी सी बिंदी के रूप में दोनों भौहों के मध्य लगाया जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तिलक लगाने से दिमाग में शांति, तरावट व शीतलता बनी रहती है।

 दिमाग में सेराटोनिन व बीटाएंडोरफिन नामक रसायनों का संतुलन होता है। याददाश्त बढ़ती है और थकावट नहीं होती है। साथ ही, कुमकुम का तिलक त्वचा रोगों से भी मुक्ति दिलवाता है। वहीं चावल को शुद्धता का प्रतीक माना गया है और कुछ चावल के दाने सिर के ऊपर से फेंकने का कारण इसकी पवित्रता है। दरअसल, चावल को हविष्य यानी हवन में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला शुद्ध अन्न माना जाता है।

साथ ही, एक अन्य कारण ये भी है कि चावल हमारे आसपास जो भी नकारात्मक ऊर्जा मौजूद होती है। उसे सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित करता है। इस रिवाज़ को निभाने का कारण सिर्फ इतना है कि हम सकारात्मक विचारों के साथ जीवन जिएं व नकारात्मक सोच को अपने आसपास भी न फटकने दें।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-hindu-tradition-of-worship-news-hindi-5567708-PHO.html

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