हमारें पूर्वज, परिवार के बडें-बुजूर्गो की बात की जाएं तो पता चलता है कि वे सौ साल तक हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ्य रहा करते थे और हमेशा आयुर्वेदिक चीजों के साथ नियमों का पालन करते हुए ही अपनी दिनचर्या को पूरी करने में विश्वास रखते थे। आज भी कई लोग ऐसे है जो अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित तरीके से जीते है तभी तो वे हमेशा स्वस्थ्य और लम्बी उम्र तक जीते है।लेकिन क्या आपको पता है ? कि पुराने समय में लोगो की अच्छी सेहत और लम्बी उम्र के कई राजों में से एक राज था नीचे जमीन पर बैठकर खाना खाना। जी हां, पहले के ज़माने में जब टेबल कुर्सी नहीं हुआ करती थी, तब लोग पूरे परिवार के साथ मिलकर ज़मीन पर बैठ कर खाना खाते थे, लेकिन बदलते समय के साथ लोगों का स्टेंडर्ड बदल गया और डाइनिंग टेबल का चलन शुरू हो गया। लेकिन क्या आपको पता है, जमीन पर बैठकर खान खाने से स्वास्थ्य के साथ कई ऐसे लाभ होते है, जिनसे आप अनजान है। आज भी जमीन पर बैठकर खान खाने वाले लोग ज्यादा हेल्थी रहते है। तो आइए, आज हम आपको बताते है, जमीन पर बैठकर खाना खाने के गुणकारी और स्वास्थ्यकारक लाभों के बारें में
1 .सिर्फ खाना ही नही योग भी होता है
जी
हां, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जिस
समय आप नीचे पालथी मारकर बैठते हुए खाना खाते है उस समय ही आप योग की मुद्रा में
भी होते है। दरअसल, पालथी माकर बैठने को योग की भाषा में सुखासन या पद्मासन भी
कहा जाता है, जो कि एक योग की क्रिया है। इसलिए जब भी आप पालथी मारकर
बैठते हुए खाना खाते है तो वह एक योग की मुद्रा भी होती है और इस तरह से खाना खाने
से दिमाग शांत रहता है और पीठ में होने वाले दर्द और शरीर के तनाव से राहत मिलती
है।
2. पाचन शक्ति
होती है बेहतर
आज
लोग अपनी पाचन क्रिया से जुड़ी हुई परेशानियों से सबसे ज्यादा ग्रसित है कई लोग
अपनी भूख ना लगने की बिमारी के कारण कई डाॅक्टरों के चक्कर काटते फिरते है। लेकिन
अगर आप अपने घर पर ही भोजन करते समय नीचे बैठकर खाना खाते है तांे उस दौरान भोजन
करने के लिए आगे झुकना और फिर सीधें होना, बार-बार होने वाली इस प्रक्रिया से आपकी पाचन शक्ति ज्यादा
सक्रीय होती है। और पाचनतंत्र ज़्यादा सक्रिय हो जाता है जिससे खाना जल्दी और पूर्ण
रूप से पचता है।
3. शरीर बनता है
ताकतवर और लचीला
जैसा
कि हमने पहले भी बताया कि नीचे जमीन पर बैठकर खाना खाने से योग कि क्रिया होती है
और उसे पद्मासन कहा जाता है। इस मुद्रा में बैठने से आपके पेल्विस, पीठ के निचले हिस्से और पेट पर
खिंचाव पड़ता है जिससे आपके शरीर का दर्द और बेचैनी दूर होती है, इसके अलावा शरीर की मांसपेशियों
में रोज होने वाले खिंचाव के चलते शरीर ज्यादा लचीला और फिट बनाता है। इस क्रिया
से शरीर पर काफी अनुकुल प्रभाव दिखाई देता है।
4. वज़न को कम
करने में मदद
लोग
अपना वजन कम करने के लिए क्या-क्या उपाय नही करते है सुबह से लेकर शाम तक कुछ ना कुछ वजन
कम करने की क्रिया करते रहते है लेकिन जैसे ही शाम को खाना खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठते है आपकी सारी मेहनत पर
पानी फिर जाता है। इसलिए जब भी आप खाना खाए उस समय जमीन पर बैठकर खाना खाएं। इसके
लिए डॉक्टर सभी को फिजिकल एक्टिविटी की सलाह देते है क्योकि ज़मीन पर बैठना, ज़मीन पर बैठ कर उठने से भी शरीर
की कसरत होती है और वज़न पर असर पड़ता है।
5. मज़बूत होते
हैं आपसी रिश्तें
शायद
ये तो आपको भी पता है कि भारत में सभी परिवार के साथ बैठकर खाना खाने की रिवाज और
रवायत चली आ रही है। लेकिन आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि और रिसर्च के अनुसार
भी डाइनिंग टेबल पर बैठकर खाना खाने की तुलना में नीचे बैठकर खाना खाने से रिश्तों
में सुधार आता है और एक साथ मिलकर बैठकर खाना खानें से रिश्ते भी मजबूत बनते है।
6. बॉडी की
मुद्रा में सुधार
जी
हां, यह सत्य है कि ज़मीन पर बैठने से
आपकी बाॅडी में कुछ चैंजेज होते है जो एक आकर्षक और खूबसूरत शरीर के लिए बहुत
जरूरी है। हम अपनी कमर सीधी करके, कंधों को पीछे करके बिलकुल ठीक मुद्रा में ज़मीन पर बैठते
हैं, इससे शरीर का दर्द तो कम होता ही
है साथ-ही-साथ स्वास्थ्य भी अच्छा होता है, और हमारी शरीर की शैली, बैठने की शैली और शरीर के भागों में कसावट देखने को मिलती
है, जो कि शरीर के लिए बेहत जरूरी है।
7. सुधरता है
रक्त संचार और बनाता है दिल मज़बूत
सही
पढ़ा आपने, जमीन पर बैठकर खाना खाने से या और
कोई भी अन्य कार्य जमीन पर बैठकर करने से शरीर का रक्त संचार सही रहता है और
सुधरता भी है क्योकि इस क्रिया से आपके शरीर की सारी नसों को आराम मिल जाता है और
ऐसा होने पर आपका दिल ज्यादा धड़कता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता
है।
8. विनम्र बनाता
है
आपने
कई बार साधु-महाराज या पुराने भिक्षुओं और ऋषि-मुनियो को देखा होगा, जो नीचे जमीन पर बैठकर ही खाना खाने या ध्यान लगाने जैसे
कार्य किया करते थे। कई धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार जब आप बच्चों
और जानवरों के साथ फर्श पर बैठते हैं, तो आप अपने आध्यात्मिक पक्ष के साथ संपर्क साध पाते है।
इसलिए भी जमीन पर बैठकर कई प्रकार की क्रियाएं और खाना खाना स्वास्थ्य के लिए काफी
फायदेमंद माना गया है।
9. कुर्सी पर
बैठना गलत
हमने
पहले भी बताया था कि पुराने राजा-महाराजा जमीन पर बैठकर अपना कार्य किया करते थे और खाना तो
हमेशा जमीन पर बैठकर ही किया करते थे। भारत और एशिया के कई अलग-अलग हिस्सों में आज भी कुर्सी पर बैठ कर खाने का चलन नहीं
है, जमीन
पर इंसान आसानी से और पुरे आराम से बैठ पाता है और नीचे बैठने में जो सुकून मिलता
है वो कुर्सी में भी नही आता है। इसलिए तो हमारें पुराण, ग्रंथो, आयुर्वेद आदि में कुर्सी पर बैठकर
खाना खाना या अन्य कोई कार्य करना लाभदायक नही माना गया है और यह एक गलत प्रक्रिया
है जिसके चलते इंसान बिमारी को जन्म देता है।
10. भारतीय
परम्परा का हिस्सा
वैसे
तो भारतीयों की शुरू से ही परम्परा रही है कि वे अपने परिवार के साथ मिलकर खाना तो
खाते ही है लेकिन जो आराम और मजे से खाना जमीन पर बैठकर आता है वह कुर्सियों या
डाइनिंग टेबल पर बैठकर भी नही आ सकता है। इसलिए, आगे से आप जब भी खाना खाए तो याद रखिएगा, जमीन पर बैठकर ही खाएं क्योकि
जमीन पर बैठकर खाना खाने से स्वास्थ्य और शरीर दोनो के लिए अच्छा है।
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