Monday, April 17, 2017

जब भी घर में आए नई बहु तो ध्यान रखें इन बातों का

नई बहू के साथ ऐसा व्यवहार होना चाहिए कि उसका मन कम समय में ही पति के घर और परिवार को अपना मान ले। भागवत के एक प्रसंग से इस बात को समझ सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मिणी का हरण करके भागे। रुक्मिणी के भाई रुक्मी ने उनका पीछा किया और श्रीकृष्ण को युद्ध के लिए आमंत्रित किया। भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मी से घमासान युद्ध किया और उसे पराजित कर दिया।
जब भगवान रुक्मी को मारने लगे तब रुक्मिणी ने उन्हें रोक दिया। भाई की जान बचा ली। फिर भी श्रीकृष्ण ने उसे आधा गंजा करके और आधी मूंछ काटकर कुरुप कर दिया। रुक्मिणी इस पर कुछ नहीं बोली, वो उदास हो गई। बलराम ने रुक्मिणी के मन के भाव समझ लिए। उन्होंने श्रीकृष्ण को समझाया कि रुक्मी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना था। वो तुम्हारी पत्नी का भाई है, परिजन है।
बलराम ने रुक्मिणी से हाथ जोड़कर माफी मांगी। उन्होंने रुक्मिणी से कहा कि तुम्हारा भाई हमारे लिए आदरणीय है और श्रीकृष्ण द्वारा किए गए व्यवहार के लिए मैं क्षमा मांगता हूं। तुम उस बात के लिए अपना मन मैला मत करना। ये परिवार अब तुम्हारा भी है, इसे पराया मत समझना। तुम्हारे भाई के साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए मैं तुमसे माफी मांगता हूं।
इस बात से रुक्मिणी की उदासी जाती रही। वो यदुवंश में घुल मिल कर रहने लगी और उसी परिवार को अपना सबकुछ मान लिया। नई बहू को जिम्मेदारी दें, लेकिन उनसे सिर्फ अपेक्षाएं ही ना रखी जाएं, उन्हें आदर-सम्मान और अपनापन भी दिया जाए। नई बहू के आते ही अपने घर के अनुशासन में भी थोड़ा बदलाव करें, जिससे वो अपने आप को उस माहौल में ढाल सके।

- पं. विजयशंकर मेहता
यह सही है की कई बार हमें ऐसा देखने और सुनने में आता है, कि किसी परिवार में नई बहू के गृह-प्रवेश के बाद से ही घर में अचानक खूब तरक्की होने लगी या अचानक ही घर के हालात बिगड़ने लगे। ऐसे बदले हालात की स्थिति में उस घर में हो रहे अच्छे या बुरे का भागी नई बहू को माना जाने लगता है। सामान्यतः होता यूं है कि जब किसी घर में लड़के की शादी होने वाली होती है तो नव दम्पत्ति के लिए घर में सुविधा बढ़ाने के लिए और उनकी नीजता को ध्यान में रखते हुए घर में बेडरुम, टाॅयलेट-बाथरुम इत्यादि का निर्माण किया जाता है।

  घर में हुए इस नव निर्माण के कारण घर के वास्तु में भी परिवर्तन हो जाता है। कई बार यह नव-निर्माण वास्तुनुकूल हो जाता है तो कई बार यह नव-निर्माण वास्तु विपरीत हो जाता है। वास्तुनुकूल निर्माण होने पर निश्चित ही घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है, जबकि वास्तु विपरीत निर्माण होने पर घर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। अज्ञानतावश घर वाले घर में हुए वास्तु परिवर्तन से मिलने वाले अच्छे या बुरे परिणामों का कारण नई बहू को मानने लगते हैं।

पुराणी कहावत है जहां चार बर्तन होंगे वह आपस में टकराएंगे ही लेकिन सुखी संपन्न घर में कई बार बहू आने से गृह क्लेश होने लगते हैं। क्या आप जानते हैं इसका कारण घर में उत्पन्न हुआ वास्तुदोष भी हो सकता है। घर में नई बहू के आने की खुशी में घर में तोड़-फोड़ करके उसे नया रूप दिया जाता है। जिससे वास्तु अनुसार न करके अपनी सहुलियत के अनुसार कर लिया जाता है। आईए जानें कैसे गृह क्लेश को रोक कर परिवार में प्रेम और अपनापन लाया जा सकता है?

परिवार के सदस्यों में प्रेम बढ़ाने के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स
कमरों की दिशा 
पश्चिमी या दक्षिण दिशा डॉमिनेटिंग होने के कारण यहां घर के बड़ों को ही रहना चाहिए। सास-ससुर का कमरा इस दिशा में होना चाहिए, तो आपसी प्रेम बना रहेगा।
किचन की दिशा 
रसोई घर उत्तर-पूर्व में होगा तो सास-बहू के आपसी क्लेश, मनमुटाव और हमेशा स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहेंगी।
गहरे पेंट न करें 
घर में खासकर रसोई में डार्क कलर न करावएं, जैसे नीला कलर। इससे मनमुटाव बढ़ता है। कमरों में लाल रंग न करवाएं। घर की दीवारों पर मल्टी कलर न करवाएं। खासकर रेड कलर को कम से कम इस्तेमाल में लाएं। 
फैमिली फोटो लगाएं 
परिवार के आपसी रिश्तों को अच्छा बनाने के लिए पूरे परिवार की फोटो लाल रंग के फ्रेम में लगाएं।

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