भारतीय संस्कृति और समाज में आम के वृक्ष को पूजनीय माना गया है। आम के फल मीठे होने के साथ ही बहुत लाभकारी व गुणकारी होते हैं। पूजा-पाठ अनुष्ठान आदि में जब कलश की स्थापना की जाती है। तब जल से भरे कलश के ऊपर भी आम की पत्तियां रखी जाती हैं। कोई मांगलिक कार्य होता है तो आम की पत्तियों को पतले धागों में लटकाकर घर के प्रवेश द्वार पर बांधk जाती है। इसके अलावा मंडप सजाने के लिए भी आम की पत्तियों का उपयोग किया जाता है।
तोरण, बांस के खंबे आदि में भी आम की पत्तियां लगाने की परंपरा है। दरअसल हमारी भारतीय संस्कृति में आम के पेड़ की लकड़िय़ों का उपयोग समिधा के रूप में वैदिक काल से ही किया जा रहा है। माना जाता है कि आम की लकड़ी, घी, हवन सामग्री आदि के हवन में उपयोग से वतावरण में सकारात्मकता बढ़ती है। घर के मुख्यद्वार पर आम की पत्तियां लटकाने से घर में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के साथ सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है।जिससे घर में सुख व समृद्धि बढ़ती है।इन्हें लटकाने से बिना विघ्न सारे मांगलिक कार्य पूरे हो जाते हैं। इसलिए दरवाजे पर आम के पत्तों को लटकाना हमारे शास्त्रों के अनुसार बहुत शुभ माना गया है।
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