Wednesday, March 2, 2016

प्राचीन रिवाज: शादी में इसलिए लगाई जाती है हल्दी


हिंदू धर्म में मनुष्य जीवन के लिए 16 महत्वपूर्ण संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों का निर्वहन करना प्राचीन समय में अनिवार्य हुआ करता था। इन्हीं संस्कारों में से एक है विवाह संस्कार। विवाह से जुड़़ी कई प्राचीन परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन आज भी किया जाता है। कुछ नियम और परंपराएं वर और वधू दोनों के लिए समान रूप से भी लागू होती हैं। ऐसी ही एक परंपरा है दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाना।
धार्मिक कारण
शास्त्रों के अनुसार हल्दी का उपयोग सभी प्रकार के पूजन-कार्य में आवश्यक रूप से किया जाता है। इसके बिना कई प्रकार के पूजन कर्म पूर्ण नहीं माने जाते हैं। इसी वजह से पूजन सामग्री में हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान है। हल्दी की पवित्रता के कारण ही वर-वधु के शरीर पर इसका लेप लगाया जाता है ताकि विवाह से पूर्व दोनों पूरी तरह पवित्र हो सके।
वैज्ञानिक कारण
हल्दी एक औषधि भी है। इसके उपयोग से कई प्रकार की बीमारियों का तुरंत इलाज हो जाता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह सर्वश्रेष्ठ उपाय है। विवाह पूर्व वर-वधु के शरीर पर हल्दी का लेप लगाया जाता है ताकि यदि उन्हें कोई त्वचा संबंधी रोग हो या इंफेक्शन हो तो उसका उपचार हो सके। हल्दी लगाने से त्वचा पर जमी हुई धूल पूरी तरह साफ हो जाती है। जिससे त्वचा
की चमक बढ़ जाती है। चेहरे का आकर्षण बढ़ता है। इन सभी कारणों के चलते अनिवार्य रूप से आज भी दूल्हा-दुल्हन को विवाह से पूर्व हल्दी लगाई जाती है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-hindu-wedding-rituals-explained-4925167-NOR.html

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