रामभक्त
हनुमान के पूरी दुनिया में कई मंदिर हैं, लेकिन आज हम आपको भगवान हनुमान के 6 ऐसे चमत्कारी
मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको लेकर माना जाता है कि इन जगहों पर
भगवान हनुमान खुद निवास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर इन हनुमान तीर्थ स्थलों
पर भगवान श्रीराम का नाम लेकर कोई भी मन्नत मांगी जाए तो वह इच्छा जरूर पूरी होती
है।
1. मूर्छित हनुमान (प्रयाग)
प्रयाग में संगम
किनारे हनुमान जी लेटी हुई मुद्र मूर्ति स्थापित है। कहते हैं कि रावण के साथ लंका
युद्ध में हनुमान जी काफी थक गये थे। इसीलिए शक्तिहीन होकर यहां लेट गए। हनुमान जी
को इतना कमजोर होते देख मां सीता ने उन्होने सिंदूर का लेप लगाकर उन्हे नई ऊर्जा प्रदान
की थी। तभी भी यहां मान्यता प्रचलित है कि जो भी भक्त यहां हनुमान जी का लाल
सिंदूर से लेप करता है, उसकी सभी कामनाएं पूरी होती हैं। यहां लाल ध्वजा चढ़ाने
वालों की भी हर इच्छा पूरी होती है।
2. पंचमुखी हनुमान (कानपुर)
माना जाता है कानपुर के पंचमुखी हनुमान मंदिर में ही
हनुमान जी और लवकुश का युद्ध हुआ था। बाद में युद्ध में परास्त होने के बाद, माता सीता ने
हनुमान जी को यहां भोजन कराया था। कहते हैं कि माता सीता ने हनुमान जी को लड्डू
खिलाए थे, इसीलिये इस मंदिर
में भी उन्हें लड्डुओं का ही भोग लगता है। यहां आने वाले भक्तों की सारी इच्छाएं
सिर्फ लड्डू चढ़ाने से ही पूरी हो जाती हैं। कानपुर के पंचमुखी हनुमान की खासियत
यह है कि यहां भक्तों को कुछ मांगना नहीं पड़ता बल्कि अंतर्यामी हनुमान भक्तों के
मन की मुराद जानकर, उसे स्वयं ही पूरा कर देते हैं।
3. हनुमान गढ़ी (उत्तर प्रदेश)
अयोध्या
के राजा भगवान राम हैं और हनुमान जी को श्रीराम के सेवक के रुप में ही देखा जाता
है,लेकिन यहां की हनुमान गढ़ी के राजा भगवान हनुमान को कहा जाता
हैं। यहां की मान्यता इतनी ज़्यादा है कि भक्त दूर-दूर से हनुमान गढ़ी में विराजे
हनुमानजी के दर्शन करने आते हैं। हनुमानगढ़ी मंदिर में जब हनुमान जी की आरती होती
है, उस समय वरदान मांगने वाले की हर इच्छा पूरी होती है। कहते
हैं कि लंका विजय के बाद हनुमानजी पुष्पक विमान में श्रीराम सीता और लक्ष्मण जी के
साथ यहां आए थे। उससे बाद वे हनुमानगढ़ी में विराजमान हो गए।
4. झांसी के हनुमान (उत्तर प्रदेश)
झांसी के
हनुमान मंदिर में हर ओर पानी ही पानी बिखरा रहता है। इस मंदिर में पानी कहां से
आता है कोई नहीं जानता। लेकिन हनुमान जी के इस प्राचीन मंदिर के प्रति भक्तों की
बहुत आस्था है। यहां हनुमान जी की पूजा पाठ की सारी प्रक्रिया पानी के बीच ही
संपन्न होती हैं। कहते हैं कि इस मंदिर के पानी में औषधीय तत्व है। इससे चर्म रोग
दूर होता हैं।
5. साक्षी हनुमान (उत्तर प्रदेश)
उत्तर
प्रदेश के गाजीपुर का यह मंदिर हनुमान जी की शक्ति का साक्षी है। कहते हैं कि यहां
के हनुमान जी पाताल का सीना चीर कर बाहर निकले थे। इसके अलावा इस मंदिर को लेकर एक
और मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना महर्षि विश्वामित्र के पिता ने की थी।
गाजीपुर के हनुमान जी लगातार बढ़ रहे हैं, उनकी
प्रतिमा का आकार हर दिन बढ़ता जा रहा है। पहले इस प्रतिमा का सिर्फ मुखड़ा ही
दिखता था। अब प्रतिमा के बाकी के हिस्से के भी दर्शन होने लगे हैं।
6. बंधवा हनुमान
(उत्तर प्रदेश)
विन्ध्याचल
पर्वत के पास ही भगवान हनुमान बंधवा हनुमान के नाम से विराजते हैं। हनुमानजी की यह
प्रतिमा यहां कब से है, कोई नहीं
जानता। लेकिन श्रद्धालुओं का कहना है कि बालरुप में हनुमान जी सबसे पहले एक वृक्ष
से प्रकट हुए थे। ऐसी मान्यता है कि यह हनुमान जी अपने आप बढ़ रहे हैं। शनिदेव के
प्रकोप से बचने के लिये ज्यादातर भक्त, बंधवा
हनुमान की शरण में आते हैं। कहते हैं कि जो भक्त शनिवार को यहां लड्डू, तुलसी और फूल चढ़ाता है, उस पर से
साढ़ेसाती का कष्ट कुछ कम हो जाता है।
https://religion.bhaskar.com/news/JM-TID-UTLT-6-very-powerful-lord-hanuman-temple-in-india-5762825-PHO.html?seq=1
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