Thursday, December 14, 2017

ग्रंथों सेः ये 5 सख्ती करने पर ही ठीक से काम करते हैं

हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि सभी से विनम्रतापूर्वक व्यवहार करना चाहिए। ये बात सही भी है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके साथ सदैव कठोर व्यवहार ही करना चाहिए अन्यथा वह ऐसा परिणाम नहीं देंगे जैसा हम चाहते हैं। यही बात गरुड़ पुराण भी लिखी है।
गरुड़ पुराण में ऐसे 5 लोग व चीजें बताई गई हैं, जिनके साथ कठोर अनुशासन जरूरी है अन्यथा वे हमारे मनमाफिक परिणाम नहीं देते। यदि इनके साथ नरमी से बात करेंगे तो ये आपकी बात कभी नहीं मानेंगे। लाइफ मैनेजमेंट की दृष्टि से भी ये तथ्य सही लगते हैं। ये 5 इस प्रकार हैं-

दुर्जन यानी बुरे स्वभाव वाला
दुर्जन यानी बुरे स्वभाव वाले व्यक्ति के साथ यदि आप नम्रता पूर्वक व्यवहार करेंगे तो इसके बदले में वह आपसे ऐसा व्यवहार नही करेगा। उल्टा वह आपके नम्र स्वभाव का फायदा उठाने की कोशिश ही करेगा। इसलिए यदि आपको किसी दुर्जन व्यक्ति से काम निकलवाना हो तो उसके साथ कठोरता से ही बात करनी चाहिए, तभी वह आपके साथ अनुकूल व्यवहार करेगा।

शिल्पकार यानी कारीगर या मजदूर
गरुड़ पुराण में शिल्पकार से भी कठोर व्यवहार करने के लिए कहा गया है, जिससे अभिप्राय उन लोगों से है जो अपना काम ठीक तरीके से नहीं करते और आलस्य करते हुए काम को टालते रहते हैं। ऐसे लोगों के साथ यदि नम्रता पूर्ण बात की जाए तो यह ठीक से अपना काम नहीं करेंगे इसलिए यदि इन लोगों से अपना काम निकलवाना है तो इनके साथ कठोर व्यवहार करना बहुत आवश्यक है।

दास यानी नौकर
यदि आप नौकर से नम्रता पूर्ण व्यवहार करेंगे तो वह आपको किसी आज्ञा का पालन नहीं करेगा और आपके साथ मित्र के समान आचरण करने लगेगा। ऐसी स्थिति में वह आपका अपमान भी कर सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए आपको अपने नौकर को कठोर अनुशासन में रखना अनिवार्य है। इसलिए यदि आपको दास यानी नौकर से काम करवाना है तो उसके साथ कठोर अनुशासन रखना बहुत आवश्यक है।

ढोलक
ढोलक ऐसा वाद्य यंत्र है जिसे यदि आप धीरे-धीरे प्रेम पूर्वक बजाने का प्रयास करेंगे तो उसकी आवाज वैसी नहीं आएगी, जैसी आप चाहते हैं यानी वह ठीक से काम नहीं करेगा। यदि आप चाहते हैं कि ढोलक की आवाज जोर से आए तो आपको उसे अपने दोनों हाथों से जोर-जोर से पीटना होगा तभी ढोलक से वैसी आवाज आएगी, जैसी आप चाहते हैं। इसलिए कहा गया है कि ढोलक के साथ भी कठोर अनुशासन (जोर-जोर से पीटना) रखना चाहिए।

मनमानी करने वाली पत्नी
हिंदू धर्म में पत्नी को बहुत ही सम्माननीय माना गया है। पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करने के बारे में सोचना भी गलत है। पत्नी को अर्धांगिनी भी कहा गया है जिसका अर्थ है शरीर का आधा भाग। लेकिन यदि पत्नी का स्वभाव मनमानी करने वाला है तो वह किसी के रूप में आपका नुकसान कर सकती है। मनमानी से अर्थ है ऐसी पत्नी को जो अपने पति की इच्छा के विरूद्ध कार्य करती है तथा अन्य पुरुषों में भी आसक्ति रखती है। ऐसी स्त्री के साथ कठोर व्यवहार ही करना चाहिए क्योंकि स्वच्छंद होने पर वह अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।

No comments:

Post a Comment