मेहमान के आने की कोई तिथि यानी समय
निश्चित नहीं होता, इसलिए इन्हें अतिथि भी कहते हैं। भारतीय
संस्कृति में मेहमान को देवता माना गया है। मनु स्मृति में मेहमानों से संबंधित
अनेक नियम व बातें बताई गई हैंस जैसे- कैसे लोगों को मेहमान नहीं बनाना चाहिए आदि।
मनु स्मृति में ये भी बताया गया है कि किसी व्यक्ति के घर में कौन सी 4 चीजें न हों तो वहां मेहमान बनकर नहीं ठहरना चाहिए।
श्लोकआसनाशनशय्याभिरद्भिर्मूलफलेन वा।
नास्य कश्चिद्वसेद्गेहे शक्तितोनर्चितोअतिथिः।।
अर्थ-
जिस व्यक्ति के घर में बैठने के लिए 1. आसन, 2. पेट
भरने के लिए भोजन, 3. आराम करने के लिए शय्या (पलंग) व 4. प्यास बुझाने के लिए जल आदि न हो, वहां मेहमान बनकर
नहीं ठहरना चाहिए।
जिन लोगों के घर ये 4 चीजें
न हों, वहां मेहमान बनकर क्यों नहीं ठहरना चाहिए, ये
जानने के लिए अगली स्लाइड्स पर क्लिक करें-1. आसन
जब भी कोई मेहमान हमारे घर आता है तो सबसे
पहले हम उसे उचित आसन यानी स्थान जैसे- कुर्सी, सोफा,
पलंग या चटाई पर बैठाते हैं। मेहमान को उचित आसन पर बैठाना ही उसका
सम्मान होता है। यदि घर आए मेहमान को मान-सम्मान के साथ उचित आसन पर न बैठाया जाए
तो वह स्वयं को अपमानित महसूस करता है।
आप यदि किसी के घर मेहमान बनकर जाएं और उसके यहां आपको बैठाने के लिए उचित आसन न हो तो समझ लेना चाहिए कि उसके घर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ऐसी स्थिति में उसके घर अधिक देर तक ठहरने से उसके मन में हीन भावना आ सकती है। इसलिए ऐसे व्यक्ति के घर अधिक समय तक नहीं रुकना चाहिए।
2.
जलआप यदि किसी के घर मेहमान बनकर जाएं और उसके यहां आपको बैठाने के लिए उचित आसन न हो तो समझ लेना चाहिए कि उसके घर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ऐसी स्थिति में उसके घर अधिक देर तक ठहरने से उसके मन में हीन भावना आ सकती है। इसलिए ऐसे व्यक्ति के घर अधिक समय तक नहीं रुकना चाहिए।
मनु स्मृति के अनुसार, जिस व्यक्ति के घर में प्यास बुझाने के लिए पानी न हो,वहां मेहमान बनकर नहीं ठहरना चाहिए। दरअसल यह बात पानी की कमी को लेकर कही गई है,क्योंकि घर आए मेहमान की प्यास बुझाने जितना पानी भी उपलब्ध न हो, यह तो संभव नहीं है। पानी पिलाकर ही मेहमान का स्वागत-सत्कार किया जाता है। वर्तमान समय में पानी की कमी एक विकट समस्या है। कुछ स्थानों पर तो पीने के पानी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है, ऐसे में दूसरों कामों के लिए पानी मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है। जिन परिवारों के साथ यह समस्या है, यदि उनके घर मेहमान आ जाए तो उनके लिए अतिरिक्त पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है। ऐसे में उस परिवार की मुश्किल और भी बढ़ जाती है।
3. भोजन
घर आए मेहमान को भोजन कराने से भगवान
प्रसन्न होते हैं, ऐसा शास्त्रों में लिखा है। ग्रंथों में
ये भी लिखा है कि कोई बिना जान-पहचान का व्यक्ति भी यदि भूल से आपके घर आ जाए तो
उसे भी बिना भोजन करवाए नहीं जाने देना चाहिए। समय पर जो भी भोजन के रूप में
उपलब्ध हो, उसे ही अतिथि को प्रेम पूर्वक परोस देना
चाहिए।
यदि कोई घर आए मेहमान को भोजन करवाने में असमर्थ है तो ऐसे व्यक्ति के घर भूल कर भी नहीं जाना चाहिए। यदि चले जाएं तो वहां ठहरना नहीं चाहिए। ऐसे व्यक्ति के घर में मेहमान बनकर ठहरने से हो सकता है, उसे किसी से उधार मांगकर आपके लिए भोजन का प्रबंध करना पड़े। इसलिए ठीक यही है कि जो व्यक्ति घर आए मेहमान को भोजन करवाने में असमर्थ है, उसके घर अधिक देर न रुकें।
यदि कोई घर आए मेहमान को भोजन करवाने में असमर्थ है तो ऐसे व्यक्ति के घर भूल कर भी नहीं जाना चाहिए। यदि चले जाएं तो वहां ठहरना नहीं चाहिए। ऐसे व्यक्ति के घर में मेहमान बनकर ठहरने से हो सकता है, उसे किसी से उधार मांगकर आपके लिए भोजन का प्रबंध करना पड़े। इसलिए ठीक यही है कि जो व्यक्ति घर आए मेहमान को भोजन करवाने में असमर्थ है, उसके घर अधिक देर न रुकें।
लेकिन यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के मेहमान बनकर गए हों, जहां पलंग या सोने की उचित व्यवस्था न हो, तो भी उसके घर अधिक समय तक नहीं ठहरना चाहिए, ऐसा मनु स्मृति में लिखा है। मेहमान का ठीक तरह से ध्यान न रख पाने के लिए हो सकता है, उसके मन में ग्लानि का भाव आए। इसलिए जिस व्यक्ति के यहां मेहमान को सुलाने की उचित व्यवस्था न हो, वहां अधिक समय तक नहीं ठहरना चाहिए।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JKR-DGRA-where-are-not-this-4-things-there-should-not-be-guests-5213635-PHO.html
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