हिंदू धर्म के अनुसार हम जब भी पूजा करते हैं तो दीपक जरूर जलाते हैं, क्योंकि दीपक
ज्ञान और रोशनी का प्रतीक है। पूजा में दीपक का विशेष महत्व है। आमतौर पर विषम
संख्या में दीप प्रज्जवलित करने की परंपरा चली आ रही है। दरअसल, दीपक जलाने
का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के
लिए पुरुषार्थ करें।
इसलिए दीपक एक, तीन, पांच और सात
की विषम संख्या में ही जलाए जाते हैं ऐसा मानना है। विषम संख्या में दीपों से
वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है।
दीपक में गाय के दूध से बना घी उपयोग हो तो अच्छा या अन्य घी या तेल का यूज भी
किया जा सकता है।
गाय के घी में रोगाणुओं को भगाने की क्षमता होती है। यह घी जब दीपक में अग्नि
के संपर्क से वातावरण को पवित्र बना देता है। प्रदूषण दूर होता है। दीपक जलाने से
पूरे घर को फायदा मिलता है। चाहे वह पूजा में सम्मिलित हो या नहीं। दीप प्रज्जवलन
घर को प्रदूषण मुक्त बनाने का एक क्रम है। दीपक में अग्नि का निवास होता है। जो
पृथ्वी पर सूरज का रूप है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-lamps-is-important-in-worship-5212181-NOR.html
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