कहते हैं स्वस्थ्य शरीर में
ही स्वस्थ्य दिमाग निवास करता है और जिसका शरीर स्वस्थ्य रहता है वह जीवन का हर
दिन पूरी ऊर्जा व खुशी के साथ जीता है और उसे अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता
मिलती है। हमारे यहां दैनिक जीवन से जुड़ी कई परंपराएं हैं। उन्ही में से कुछ
परंपराएं ऐसी हैं जो हमारे स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में मदद करती है।
ऐसी ही एक परंपरा है भोजन के
समय आचमन की। भोजन से पहले आचमन किया जाता है। आचमन करते समय हाथ में जल लेकर पहले
तीन बार उसे खाने की प्लेट की चारों तरफ घुमाते हैं। उसके बाद मन ही मन ईश्वर का
स्मरण किया जाता है और ईश्वर को नैवेद्य ग्रहण करने की प्रार्थना की जाती है। साथ
ही उन्हें भोजन प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया जाता है। उसके बाद तीन बार आचमन
यानी सीधे हाथ में पानी लेकर उसे ग्रहण किया जाता है।
माना जाता है कि ऐसा करने से
ईश्वर का आर्शीवाद तो मिलता ही है। साथ ही, भोजन
भी बहुत जल्दी व अच्छे से पच जाता है और भोजन से पूरी तरह से सकारात्मक ऊर्जा
मिलती है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है वाे ये कि भोजन से पहले थोड़ा पानी पी
लेने से आहार नलिका जो थोड़ी सिकुड़ी हुई होती है खुल जाती है। इससे भूख तो बढ़ती
ही है साथ ही डायजेशन से जुड़ी कोई समस्या भी नहीं होती है।
https://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-remedy-to-treat-digestive-problems-5656209-PHO.html?seq=1
No comments:
Post a Comment