महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का प्रभावशाली मंत्र है। इसके
प्रभाव और शक्तियों का वर्णन कई पुराणों में मिलता है। शिवपुराण के अनुसार, इस मंत्र के पाठ से मनुष्य की
सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं। रोज रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का
पाठ करने से अकाल मृत्यु (असमय मौत) का डर दूर होता है।
महामृत्युंजय से होता है इन
दोषों का नाश
महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा कई दोषों का नाश होता
है।
महामृत्युजंय मंत्र का पाठ करने
से होती है शुभ फल की प्राप्ति
1. दीर्घायु
(लम्बी आयु) -
जिस भी मनुष्य को लंबी उम्र पाने की इच्छा हो, उसे नियमित रूप से महामृत्युजंय
मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य का अकाल मृत्यु का भय खत्म
हो जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, इसका
का जप करने वाले को लंबी उम्र मिलती है।
2. सम्पत्ति
की प्राप्ति -
जिस भी व्यक्ति को धन-सम्पत्ति पाने की इच्छा हो, उसे महामृत्युंजय मंत्र का पाठ
करना चाहिए। इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और मनुष्य को
कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
3. आरोग्य
प्राप्ति -
यह मंत्र मनुष्य न सिर्फ निर्भय बनता है बल्कि उसकी
बीमारियों का भी नाश करता है। भगवान शिव को मृत्यु का देवता भी कहा जाता है। इस
मंत्र के जप से रोगों का नाश होता है और मनुष्य निरोगी बनता है।
4. यश
(सम्मान) की प्राप्ति -
इस मंत्र का जप करने से मनुष्य को समाज में उच्च स्थान
प्राप्त होता है। सम्मान की चाह रखने वाले मनुष्य को प्रतिदिन महामृत्युजंय मंत्र
का जप करना चाहिए।
5. संतान
की प्राप्ति -
महामृत्युजंय मंत्र का जप करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा
बनी रहती है और हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंत्र का रोज जाप करने पर संतान की
प्राप्ति होती है।
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