महर्षि मार्कण्डेय प्राचीन भारत के महान ऋषियों में से एक
थे। इनका जन्म महर्षि भृगु के वंश में हुआ था। महर्षि मार्कण्डेय भगवान विष्णु और
भगवान शिव के परम भक्त थे। इनका वर्णन कई पुराणों और ग्रंथों में मिलता है।
इन्होंने जीवन को सही ढंग से चलाने और पुण्य पाने के लिए कई
नीतियां बताई हैं, जिनका
पालन करके जीवन में कई लाभ पाए जा सकते हैं। महर्षि मार्कण्डेय ने 3 ऐसे काम बताए हैं, जिन्हें करना सबसे अच्छा माना
गया है। इन कामों को करने से मनुष्य किसी भी मुसीबत का सामना बड़ी ही आसानी से कर
लेता है और उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है।
महर्षि मार्कण्डेय द्वार कहा
गया श्लोक-
पुण्यतीर्थाभिषेकं च पवित्राणां च कीर्तनम्।
सद्धिः सम्भाषणं चैव प्रशस्तं कीत्यते बुधैः।।
1. तीर्थों
में स्नान
तीर्थ स्थानों पर स्वयं देवताओं का निवास माना जाता है।
तीर्थ स्थानों पर जाना, वहां
पूजा करना और वहां के कुंड या नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश
हो जाता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। कई तीर्थों पर स्नान करने से मनुष्य को
मोक्ष भी मिलता है। तीर्थों पर स्नान सभी कामों में से सबसे अच्छा बताया गया है।
2. पवित्र
वस्तुओं का नाम लेना
गोमूत्र, गोबर, गोदुग्ध ( गाय का दूध), गोशाला हवन, पूजन, तुलसी, मंदिर, अग्नि, पुराण, ग्रंथ ऐसी कई वस्तुओं को पवित्र
माना जाता है। इनमें में खाने योग्य चीजों का सेवन व ग्रंथों को पढ़ना महत्वपूर्ण
माना जाता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति ऐसा न कर
सके तो केवल उनका नाम लेने से ही पुण्य की प्राप्ति हो जाती है। हर मनुष्य को
हिंदू धर्म में पवित्र मानी गई इन चीजों का नाम पवित्र भाव से लेते रहना चाहिए।
इससे निश्चित ही शुभ फल मिलता है।
3. सत्पुरुषों
के साथ बातें करना
सत्पुरुष यानी विद्वान, ज्ञानी, चरित्रवान और सत्यवादी इंसान।
हर मनुष्य को अपने जीवन में सफलता पाने के लिए सही राह की जरुरत होती है। मनुष्य
को सही राह विद्वान या ज्ञानी पुरुषों के द्वारा दिखाई जा सकती है। जिस व्यक्ति को
सही-गलत, अच्छे-बुरे, धर्म-अधर्म का ज्ञान होता है, हमें उसका आदर करना चाहिए। ऐसे
लोगों से बातें करके हम अपने हित की बात जान सकते हैं। मनुष्य को हमेशा ही विद्वान
और ज्ञानी लोगों का सम्मान करना चाहिए और उनकी बताई हुई राह पर चलना चाहिए।
No comments:
Post a Comment