सनातन धर्म साहित्य बहुत ही
विस्तृत है। इसके अंतर्गत अनेक पुराण, वेद, धर्म ग्रंथ व उपनिषद
आदि आते हैं। इन सभी ग्रंथों में ऐसी अनेक रोचक बातें बताई गई हैं, जिसे आमजन नहीं जानते।
कुछ ने इनके बारे में सुना भी होगा, लेकिन विस्तृत रूप से
इनके बारे में जानने वाले बहुत ही कम लोग हैं। आज हम आपको सनातन धर्म ग्रंथों में लिखी
कुछ ऐसी ही रोचक बातें बता रहे हैं-
प्रश्न 1. सोने
की लंका नगरी में रावण से पहले किसका अधिकार था?
उत्तर- रामायण के अनुसार रावण
जिस सोने की लंका में रहता था, वह लंका पहले रावण के
भाई कुबेर की थी। जब रावण विश्व विजय पर निकला तो उसने अपने भाई कुबेर को हराकर
सोने की लंका पर अपना कब्जा कर लिया।
प्रश्न 2. वाल्मीकि रामायण के अनुसार समुद्र
पर रामसेतु बनाने में वानरों को कितना समय लगा?
उत्तर- रामायण के अनुसार, समुद्र पर पुल बनाने
में वानरों को पांच दिन का समय लगा। पहले दिन वानरों ने 14 योजन, दूसरे दिन 20 योजन, तीसरे दिन 21 योजन, चौथे दिन 22 योजन और पांचवे दिन 23 योजन पुल बनाया था। इस
प्रकार कुल 100 योजन लंबाई का पुल समुद्र पर बनाया गया। यह पुल 10 योजन चौड़ा था।
प्रश्न 3. पुराणों में वर्णित अश्वमेध यज्ञ
क्या है?
उत्तर-धर्म ग्रंथों में अनेक स्थान पर अश्वमेध यज्ञ का वर्णन आता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्रीराम व महाभारत के अनुसार युधिष्ठिर ने भी ये यज्ञ करवाया था। इस यज्ञ के अंतर्गत एक घोड़ा छोड़ा जाता था। ये घोड़ा जहां तक जाता था, वहां तक की भूमि यज्ञ करने वाले की मानी जाती थी। यदि कोई इसका विरोध करता था, तो उसे यज्ञ करने वाले के साथ युद्ध करना पड़ता था। ये यज्ञ वसंत या ग्रीष्म ऋतु में किया जाता था और करीब एक वर्ष इसके प्रारंभिक अनुष्ठानों की पूर्णता में लग जाता था।
प्रश्न 4. पुष्पक विमान क्या है?
उत्तर- पुष्पक विमान का
सर्वप्रथम वर्णन वाल्मीकि रामायण में मिलता है। वैदिक साहित्य में देवताओं के
विमानों की चर्चा है, लेकिन दैत्यों और मनुष्यों द्वारा उपयोग किया
गया पहला विमान पुष्पक ही माना जाता है। पौराणिक संदर्भों में विज्ञान की खोज करने
वालों की मान्यता है कि प्राचीन भारतीय विज्ञान आधुनिक विज्ञान की तुलना में अधिक
संपन्न था। इस लिहाज से इस विमान का अस्तित्व व प्रामाणिकता स्वीकारी जाती है।
प्राचीन भारतीय की वैज्ञानिक क्षमता में विश्वास करने वाले मानते हैं कि यह विमान
तत्कालीन विज्ञान का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण था।
प्रश्न 5. हिंदू नववर्ष का प्रारंभ किस दिन
से और क्यों होता है ?
उत्तर-हिंदू नववर्ष का प्रारम्भ चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की
प्रतिपदा यानी पहले दिन से माना जाता है। इस पर्व को गुड़ी पड़वा के नाम से मनाते
हैं। ब्रह्मपुराण के अनुसार पितामह ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि निर्माण का कार्य
प्रारम्भ किया था। इसीलिए इसे सृष्टि का प्रथम दिन माना जाता है। धर्म ग्रंथों के
अनुसार चारों युगों में सबसे प्रथम सत्ययुग का प्रारम्भ भी इसी तिथि से हुआ था।
प्रश्न 6- हिंदू धर्म में किस ग्रंथ को
पांचवे वेद की संज्ञा दी गई है?
उत्तर-हिंदू धर्म में महाभारत
को पांचवां वेद कहा गया है। इसके रचयिता महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास हैं।
महर्षि वेदव्यास ने इस ग्रंथ के बारे में स्वयं कहा है- यन्नेहास्ति न कुत्रचित्।
अर्थात जिस विषय की चर्चा इस ग्रंथ में नहीं की गई है, उसकी चर्चा अन्यत्र
कहीं भी उपलब्ध नहीं है। श्रीमद्भागवत गीता जैसा अमूल्य रत्न भी इसी महासागर की
देन है। इस ग्रंथ में कुल मिलाकर एक लाख श्लोक है, इसलिए इसे शतसाहस्त्री
संहिता भी कहा जाता है।
प्रश्न 7- वाल्मीकि रामायण के अनुसार देवराज
इंद्र के रथ के सारथी का नाम क्या है?
उत्तर- देवराज
इंद्र के रथ के सारथि का नाम मातलि है। राम-रावण युद्ध के दौरान जब रावण अपने रथ
में बैठकर और श्रीराम भूमि पर खड़े रहकर युद्ध कर रहे थे। उस समय इंद्र ने अपना रथ
भगवान श्रीराम की सहायता के लिए भेजा था। उस समय भी मातलि ने ही रथ का संचालन बड़ी
कुशलता के साथ किया था।
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