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हिंदू धर्म में भगवान को प्रसाद चढ़ाने की यानी भोग लगाने की परंपरा है। अधिकांश
लोग रोजाना विधि-विधान
से भगवान की पूजा भले ना करें, लेकिन अपने घर में भगवान को प्रसाद
जरूर चढ़ाते है। दरअसल, इसके पीछे कारण यह है कि श्रीमद् भागवत
गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो कोई भक्त प्रेमपूर्वक मुझे फूल, फल, अन्न, जल आदि
अर्पण करता है। उसे मैं सगुण प्रकट होकर ग्रहण करता हूं।
भगवान की कृपा से जो जल और अन्न हमें प्राप्त होता है। उसे
भगवान को अर्पित करना चाहिए और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए ही भगवान को
भोग लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भोग लगाने के बाद ग्रहण किया गया अन्न दिव्य
हो जाता है, क्योंकि उसमें तुलसी दल होता है। भगवान को प्रसाद चढ़े और
तुलसी दल न हो तो भोग अधूरा ही माना जाता है। तुलसी को परंपरा से भोग में रखा जाता
है। इसका एक कारण तुलसी दल का औषधीय गुण है। एकमात्र तुलसी में यह खूबी है कि इसका
पत्ता रोगप्रतिरोधक होता है।Thursday, January 5, 2017
भगवान को क्यों लगाया जाता है भोग, जानें इस परंपरा का वैज्ञानिक कारण
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