Thursday, January 12, 2017

पूजा घर में इनकी तस्वीर नहीं लगाना चाहिए, ये है इस मान्यता का साइंटिफिक कारण

हिंदू धर्म में मृत पूर्वजों को पितृ माना जाता है और पितृ को पूज्यनीय। यही कारण है कि पितरों की पुण्यतिथि पर उनकी आत्मा की शांति के लिए विभिन्न तरह का दान करने की परंपरा है। मगर पूजा वाले स्थान पर मृत लोगों की तस्वीर लगाना शुभ नहीं माना गया है। साथ ही, दोनों की तस्वीरों की साथ में पूजा भी नहीं करना चाहिए।

इसके पीछे कारण सकारात्मक-नकारात्मक ऊर्जा और अध्यात्म में हमारी एकाग्रता का है। दरअसल, मृतात्माओं से हम भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं। उनके चले जाने से हमें एक खालीपन का एहसास होता है। मंदिर में इनकी तस्वीर होने से हमारी एकाग्रता भंग हो सकती है। भगवान की पूजा के समय यह भी संभव है कि हमारा सारा ध्यान उन्हीं मृत रिश्तेदारों की ओर हो। इस बात का घर के वातावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

हम पूजा में बैठते समय पूरी एकाग्रता लाने की कोशिश करते हैं ताकि पूजा का अधिकतम प्रभाव हो। ऐसे में मृतात्माओं की ओर ध्यान जाने से हम उस दु:खद घड़ी में खो जाते हैं जिसमें हमने अपने प्रियजनों को खोया था। हमारी मन:स्थिति नकारात्मक भावों से भर जाती है। इसलिए घर में भगवान और मृत लोगों की तस्वीर कभी भी एक साथ नही लगाना चाहिए।

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