मध्य प्रदेश में ग्वालियर के पास बने शनिदेव मंदिर का
विशेष महत्व है। यह देश के सबसे प्राचीनतम शनि मंदिरों में से एक माना जाता है।
शनिदेन के यहां विराजित होने के कारण इस जगह को बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है।
मान्यता है कि महाराष्ट्र के सिगनापुर शनि मंदिर में प्रतिष्ठित शनि शिला भी इसी
शनि पर्वत से ले जाई गई थी।
भगवान हनुमान जी ने यहां भेजा था शनिदेव को
प्राचीन कथा के अनुसार, रावण ने शनिदेव को भी कैद कर रखा था। जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे, तब उन्होंने वहां पर शनिदेव को रावण की कैद में देखा। भगवान हनुमान को देख शनिदेव ने उनसे यहां से आजाद करने की विनती की। शनिदेव के कहने पर भगवान हनुमान नो उन्हें लंका से कहीं दूर फेंक दिया, ताकि शनिदेव किसी सुरक्षित जगह पर जा सकें। हनुमान जी के द्वारा लंका से फेंके जाने पर शनिदेव इस क्षेत्र में आकर प्रतिष्ठित हो गए और तब से यह क्षेत्र शनिक्षेत्र के नाम से विख्यात हो गया।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-TID-shani-temple-in-gwalior-in-hindi-news-hindi-5507924-PHO.html
भगवान हनुमान जी ने यहां भेजा था शनिदेव को
प्राचीन कथा के अनुसार, रावण ने शनिदेव को भी कैद कर रखा था। जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे, तब उन्होंने वहां पर शनिदेव को रावण की कैद में देखा। भगवान हनुमान को देख शनिदेव ने उनसे यहां से आजाद करने की विनती की। शनिदेव के कहने पर भगवान हनुमान नो उन्हें लंका से कहीं दूर फेंक दिया, ताकि शनिदेव किसी सुरक्षित जगह पर जा सकें। हनुमान जी के द्वारा लंका से फेंके जाने पर शनिदेव इस क्षेत्र में आकर प्रतिष्ठित हो गए और तब से यह क्षेत्र शनिक्षेत्र के नाम से विख्यात हो गया।
आज भी मौजूद हैं शनिदेव के
गिरने का निशान
जब शनिदेव यहां आ कर गिरे तो उल्कापास सा हुआ। शिला
के रूप में वहां शनिदेव के प्रतिष्ठत होने से एक बड़ा गड्ढा बन गया, जैसा कि उल्का गिरने से होता
है। ये गड्ढा आज भी मौजूद है।
तेल चढ़ाने के बाद गले मिलने की
परंपरा
यहां शनि देव को तेल चढ़ाने के बाद उनसे गले मिलने की
परंपरा प्रतलित है। जो भी यहां आता है वह शनिदेव को तेल चढ़ाने के बाद बड़े प्यार
से शनि महाराज से गले मिलता है और अपनी तकलीफें उनसे बांटता है। कहा जाता है कि
ऐसा करने से शनिदेव उस व्यक्ति की सारी तकलीफें दूर कर देते हैं।http://religion.bhaskar.com/news/JM-TID-shani-temple-in-gwalior-in-hindi-news-hindi-5507924-PHO.html
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