पौराणिक कथा के अनुसार एक बार देवी पार्वती स्नान करने गई
तो उन्होंने भगवान गणेश को द्वार पर खड़े होकर निगरानी करने को कहा। साथ ही, किसी को अंदर न आने देने का
निर्देश दिया। जब शिव पार्वती जी से मिलने आए और भगवान गणेश से अंदर जाने देने को
कहा तब यह जानते हुए भी कि वह देवी पार्वती के पति हैं, उन्होंने शिव को अंदर जाने नहीं
दिया।
कहते हैं जब भगवान गणेश ने शिवजी की बात नहीं मानी तो
महादेव ने क्रोधित होकर उनका सिर धड़ से अलग कर दिया। देवी पार्वती क्रोधित हो गई
और पूरी सृष्टि के विनाश करने का फैसला किया। ब्रह्मा जी ने उन्हें शांत किया और
बाद में देवी पार्वती को प्रसन्न करने के लिए शिव जी ने निर्देश दिया कि ऐसे जानवर
का सिर लाओ जो उत्तर दिशा में मुंह कर सो रहा हो।
भगवान शिव के निर्देश अनुसार, उनके गण ऐसे जानवर को ढूंढने निकले जो उत्तर दिशा की ओर
मुंह कर सो रहा हो। भगवान शिव के सेवकों को एक हाथी का बच्चा दिखा जो उत्तर दिशा
की ओर मुंह कर सो रहा था। उन्होंने उस हाथी का सिर धड़ से अलग कर दिया। भगवान शिव
को देने चले। इसके बाद शिव ने गणेश के धड़ पर हाथी का सिर लगा कर उन्हें जीवन दान
किया और बाद में भगवान गणेश को सब पूजने लगे, क्योंकि
भगवान शिव ने पार्वती जी को यह वचन दिया कि पुत्र गणेश की पूजा लोग सब देवताओं से
पहले करेंगे। माना जाता है तभी से उत्तर दिशा में सिर न करके सोने की मान्यता
प्रचलित हुई।
भगवान शिव के निर्देश अनुसार, उनके गण ऐसे जानवर को ढूंढने निकले जो उत्तर दिशा की ओर
मुंह कर सो रहा हो। भगवान शिव के सेवकों को एक हाथी का बच्चा दिखा जो उत्तर दिशा
की ओर मुंह कर सो रहा था। उन्होंने उस हाथी का सिर धड़ से अलग कर दिया। भगवान शिव
को देने चले। इसके बाद शिव ने गणेश के धड़ पर हाथी का सिर लगा कर उन्हें जीवन दान
किया और बाद में भगवान गणेश को सब पूजने लगे, क्योंकि
भगवान शिव ने पार्वती जी को यह वचन दिया कि पुत्र गणेश की पूजा लोग सब देवताओं से
पहले करेंगे। माना जाता है तभी से उत्तर दिशा में सिर न करके सोने की मान्यता
प्रचलित हुई।
शोध से पता चला है कि साधारण चुंबक शरीर से बांधने पर वह
हमारे शरीर के ऊत्तकों पर विपरीत प्रभाव डालता है । इसी सिद्धांत से यह निष्कर्ष
भी निकाला गया कि अगर साधारण चुंबक हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है तो
उत्तरी पोल पर स्थित प्राकृतिक चुंबक भी हमारे दिल, दिमाग
व संपूर्ण शरीर पर विपरीत असर डालता है। यही वजह है कि उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर
सोना निषेध माना गया है। वैसे तो जिधर चाहे मनुष्य सिर करके सो जाता है, लेकिन सिर्फ इतनी सी बात याद रखना चाहिए कि उत्तर की ओर
सिर करके नहीं सोना चाहिए। इससे सपने कम आते हैं, नींद
अच्छी आती है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-why-not-sleep-in-north-direction-news-hindi-5473181-PHO.html
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