भारत की सीमा से सटा
नेपाल एक बहुत ही खूबसूरत देश है। यहां की धार्मिक व सांस्कृतिक परंपराएं भी भारत
से काफी मिलती-जुलती हैं। इसका कारण यह है कि नेपाल मूलत: पुरातन भारत की ही एक
हिस्सा है। समय के साथ में नेपाल एक अलग देश के रूप में स्थापित हो गया, लेकिन यहां आज भी कदम-कदम पर भारतीय संस्कृति
की झलक देखने को मिलती है। यहां कई ऐसे स्थान भी हैं, जिनका वर्णन हिंदू धर्म ग्रंथों में किया गया
है। नेपाल की गंडकी नदी भी उन्हीं में से एक है।
तुलसी बनी गंडकी नदी
इस नदी में मिलते हैं शालिग्राम
शालिग्राम और तुलसी विवाह की हैं
परंपरा
तुलसी बनी गंडकी नदी
शिवपुराण के अनुसार, दैत्यों के राजा शंखचूड़ की
पत्नी का नाम तुलसी था। तुलसी के पतिव्रत के कारण देवता भी उसे हराने में असमर्थ
थे। तब भगवान विष्णु ने छल से तुलसी का पतिव्रत भंग कर दिया, जिसके कारण शंखचूड़ की मृत्यु
हो गई। जब यह बात तुलसी को पता चली तो उसने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का
श्राप दिया। भगवान विष्णु ने तुलसी का श्राप स्वीकार कर लिया और कहा कि तुम धरती
पर गंडकी नदी तथा तुलसी के पौधे के रूप में रहोगी।
इस नदी में मिलते हैं शालिग्राम
गंडकी नदी में एक विशेष
प्रकार के काले पत्थर मिलते हैं, जिन पर चक्र,
गदा आदि के निशान होते
हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, यही पत्थर भगवान विष्णु का स्वरूप हैं। इन्हें शालिग्राम शिला कहा जाता है।
शिवपुराण के अनुसार,
भगवान विष्णु ने खुद ही
गंडकी नदी में अपना वास बताया था और कहा था कि गंडकी नदी के तट पर मेरा (भगवान
विष्णु का) वास होगा। नदी में रहने वाले करोड़ों कीड़े अपने तीखे दांतों से
काट-काटकर उस पाषाण में मेरे चक्र का चिह्न बनाएंगे और इसी कारण इस पत्थर को मेरा
रूप मान कर उसकी पूजा की जाएगी।
शालिग्राम और तुलसी विवाह की हैं
परंपरा
धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक समय पर तुलसी ने भगवान विष्णों को अपने पति
के रूप में पाने के लिए कई सालों तक तपस्या की थीं, जिसके फलस्वरूप भगवान ने उसे विवाह का वरदान
दिया था। जिसे देवप्रबोधिनी एकादशी पर पूरा किया जाता है। देवप्रबोधिनी एकादशी के
दिन शालिग्राम शिला तथा तुलसी के पौधा का विवाह करवाने की परंपरा है।
जानिए कहां है गंडकी नदी
गंडकी नदी को गंडक नदी
और नारायणी भी कहा जाता है। यह मध्य नेपाल और उत्तरी भारत में प्रवाहित होने वाली
नदी है। गंडकी नदी दक्षिण तिब्बत के पहाड़ों से निकलती है। यह सोनपुर और हाजीपुर
के बीच में गंगा नदी में जाकर मिल जाती है। यह काली नदी और त्रिशूली नदियों के
संगम से बनी है। इन नदियों के संगम स्थल से भारतीय सीमा तक नदी को नारायणी के नाम
से जाना जाता है। यह नेपाल की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। महाभारत के भी गंडकी
नदी का उल्लेख मिलता है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-TID-mythological-storie-related-to-gandhi-river-nepal-news-hindi-5518390-PHO.html
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