Friday, February 10, 2017

अशुभ है पूजा-पाठ करते समय इन 8 चीजों को सीधे जमीन पर रखना

ब्रह्मवैवर्तपुराण वैष्णव पुराण है। इस पुराण में चार खंड हैं। पहला खंड ब्रह्म खंड है, दूसरा प्रकृति खंड है, तीसरा गणपति खंड है और चौथा श्रीकृष्ण जन्म खंड है। इस पुराण में पूजा-पाठ और सुखी जीवन के लिए कुछ खास सूत्र बताए गए हैं। यहां जानिए ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार आपके काम की खास बातें..

इन चीजों को सीधे जमीन पर न रखें
किसी भी पूजन कर्म में यहां बताई गई 8 चीजों को सीधे जमीन पर न रखें। 1.दीपक, 2. शिवलिंग, 3. शालग्राम (शालिग्राम), 4. मणि, 5. देवी-देवताओं की मूर्तियां, 6. यज्ञोपवीत (जनेऊ), 7. सोना और 8. शंख, इन चीजों को कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इन्हें नीचे रखने से पहले कोई कपड़ा बिछाएं या किसी ऊंचे स्थान पर रखें। इन चीजों को सीधे जमीन पर रखना अशुभ माना जाता है।

सुबह उठते ही ध्यान रखें ये बातें
स्त्री हो या पुरुष, सुबह उठते ही इष्टदेव का ध्यान करते हुए दोनों हथेलियों को देखना चाहिए। इसके बाद अधिक समय तक बिना नहाए नहीं रहना चाहिए। रात में पहने हुए कपड़ों को शीघ्र त्याग देना चाहिए।

इन तिथियों पर ध्यान रखें ये बातें
हिन्दी पंचांग के अनुसार किसी भी माह की अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि पर तेल मालिश और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।

इनका अनादर नहीं करना चाहिए
हमें किसी भी परिस्थिति में पिता, माता, पुत्र, पुत्री, पतिव्रता पत्नी, श्रेष्ठ पति, गुरु, अनाथ स्त्री, बहन, भाई, देवी-देवता और ज्ञानी लोगों का अनादर नहीं करना चाहिए। इनका अनादर करने पर यदि व्यक्ति धनकुबेर भी हो तो उसका खजाना खाली हो जाता है। इन लोगों का अपमान करने वाले व्यक्ति को महालक्ष्मी हमेशा के लिए त्याग देती हैं।

रविवार को ध्यान रखें ये बातें
रविवार के दिन कांस्य के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए। इस दिन मसूर की दाल, अदरक, लाल रंग की खाने की चीजें भी नहीं खाना चाहिए।

तय तिथि पर पूरा करना चाहिए दान का संकल्प
यदि हमने किसी को दान देने का संकल्प किया है तो इस संकल्प को तय तिथि पर किसी भी परिस्थिति में पूरा करना चाहिए। दान देने में यदि एक दिन का विलंब होता है तो दुगुना (दोगुणा) दान देना चाहिए। यदि एक माह का विलंब होता है तो दान सौगुना हो जाता है। दो माह बितने पर दान की राशि सहस्त्रगुनी यानी हजार गुना हो जाती है। अत: दान के लिए जब भी संकल्प करें तो तय तिथि पर दान कर देना चाहिए। अकारण दान देने में विलंब नहीं करना चाहिए।

घर में प्रवेश करते समय ध्यान रखें ये बातें
हम जब भी कहीं बाहर से लौटकर घर आते हैं तो सीधे घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। मुख्य द्वार के बाहर ही दोनों पैरों को साफ पानी से धो लेना चाहिए। इसके बाद ही घर में प्रवेश करें। ऐसा करने पर घर की पवित्रता और स्वच्छता बनी रहती है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JYO-RAN-brahmvaivart-puran-and-happiness-tips-in-hindi-news-hindi-5523813-PHO.html

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