Saturday, November 19, 2016

खाने से जुड़ी छोटी चीजें बदलने से बदल सकता है भाग्य, ये हैं कुछ आसान उपाय

भारत में एक कहावत बहुत पुरानी है वो ये कि जैसा खाएं अन्न वैसा हो मन यानी कोई भी इंसान जैसा खाना खाता है। उसका मन वैसा ही होता है। इस कहावत के पीछे एक गहरी वैज्ञानिक सोच है, दरअसल खाने का रंग और उसकी प्रकृति आप से जुड़े ग्रहों को सीधा प्रभावित करती है। इसलिए सिर्फ पूजा-पाठ से ही नहीं, बल्कि सही भोजन का सेवन करके भी आप अपना भविष्य सुधार सकते हैं आइए जानते हैं कैसे
1.सूर्य-यदि कोई कुंडली विशेषज्ञ या ज्योतिष आपको कहे कि आपका सूर्य फेवर नहीं कर रहा है तो अपने आहार में गेहूं, आम, गुड़ आदि का उपयोग करना चाहिए।
2.चंद्र-चंद्रमा मन का कारक है इसलिए कुंडली में चंद्र की अनुकूलता के लिए गन्ना, चीनी,दूध और दूध से बने पदार्थ, आइसक्रीम और मिठाइयों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए।
3.मंगल-आपकी कुंडली में यदि मंगल अशुभ है तो अपने आहार में गुड़, मसूर की दाल, अनार, जौ और शहद का उपयोग करना चाहिए।
4.बुध-यदि बुध ग्रह अशुभ फल दे रहा है तो मटर, ज्वार, कुलपी, हरी दालें, मूंग, हरी सब्जियां आहार में लें।
5.गुरु-यदि गुरु अशुभ फल दे रहा है तो चना, चना दाल, बेसन, मक्का, केला, हल्दी, सेंधा नमक, पीली दालें और फलों को अपने भोजन में शामिल करें।
6.शुक्र-शुक्र ग्रह जब नीच का होकर अशुभ फल देने लगे तो त्रिफला, दाल चीनी, कमलगट्टा, मिश्री, मूली और सफेद शलजम का उपयोग करना चाहिए।
7.शनि-शनि अशुभ है तो भोजन में तिल, उड़द, कालीमिर्च, मूंगफली का तेल, अचार, लौंग, तेज पत्ता व काले नमक का उपयोग करना चाहिए।
8.राहु व केतु-राहु और केतु की पीड़ा से बचने के लिए उड़द, तिल और सरसों का उपयोग लाभदायक रहता है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-food-astrology-and-planets-remedies-news-hindi-5461585-NOR.html

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