धर्म-ग्रंथ का लक्ष्य मनुष्य को केवल देवी-देवताओं के बारे
में ज्ञान देना ही नहीं है, बल्कि
हर उस बात को समझाना है, जो उसके
लिए जानना जरूरी होती है। धर्म ग्रंथों का पाठ करने या उन्हें सुनने से हमें कई
ऐसी बातें पता चलती हैं, जो की
उसके जीवन में हर दिन काम आने वाली होती है।
महाभारत के वनपर्व में ऐसी तीन बातों के बारे में कहा गया
है, कि किसी
से दोस्ती करने से पहले हमें क्या-क्या बातें ध्यान रखनी चाहिए।
श्लोक-
येषां त्रीण्यवदातानि विद्या
योनिश्च कर्म च।ते सेव्यास्तैः समास्या हि शास्त्रेभ्योपि गरीयसी।।
1. उसकी आदतें और काम
मनुष्य की आदतें और उसका पेशा यानी काम जानना भी बहुत
महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी की बुरी आदतों को जाने बिना ही या उन्हें नजरअंदाज
करके आप किसी के दोस्ती कर लेंगे तो, कभी ना कभी इनका दुष्परिणाम आपको झेलना ही पड़ेगा। हो सकता
है, उसकी
आदतों या कामों की वजह से आपको भी अपमानित होना पड़ जाए। इसलिए, दोस्ती
करने से पहले सामने वाले की आदतों के बारे में जरूर जान लें। यदि उसमें नशा करना, चोरी
करना, बहुत
ज्यादा गुस्सा करने जैसी कोई भी बुरी आदत हो तो ऐसा व्यक्ति से दूरी बनाए रखना ही
बेहतर होगा।
2. उसके परिवार या परिवार के लोगों की जानकारी
जिस मनुष्य के परिवार में ऐसे लोग रहते हो जो दुष्ट, चोर या
पापी प्रवृत्ति के हो, उससे
भूलकर भी दोस्ती नहीं करनी चाहिए। चाहे मनुष्य खुद कितना ही अच्छा हो, लेकिन
अपने परिवार की आदतों और कर्मों का परिणाम उसे भी झेलना ही पड़ता है। जिस तरह
गेंहू के साथ घुन भी पिसता है, उसी तरह विपत्ति आने पर ऐसे व्यक्ति का परिवार उसके साथ-साथ
आपके लिए भी मुसीबत का कारण बन सकता है। इसलिए किसी से भी दोस्ती करने से पहले इस
बात की जांच जरूर कर लें।
3. मनुष्य की शिक्षा और ज्ञान
महाभारत के अनुसार, किसी से भी दोस्ती करने से पहले
यह जरूर देखना चाहिए कि उस व्यक्ति के ज्ञान का स्तर क्या है। कई लोगों का मन
पढ़ाई-लिखाई में नहीं होता। फालतू घूमना, हंसी-ठिठोली करना, दूसरों का मजाक उठाना आदि ही उनका स्वभाव होता है। ऐसे
लोगों के जितना दूर रहा जाए, उतना ही अच्छा माना जाता है। अच्छी विद्या या ज्ञान वाला
मनुष्य ही आपने दोस्तों गलत राह पर चलने से रोक सकता है।http://religion.bhaskar.com/news/JM-JKR-DGRA-mahabharat-lesson-for-friends-in-hindi-news-hindi-5419745-PHO.html
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