भारत मान्यताओं और परंपराओं का देश है। हमारी कोई भी परंपरा अंधविश्वास नहीं है। लगभग हर परंपरा के पीछे कुछ तथ्य या वैज्ञानिक आधार है। किसी परिवार के सदस्य या रिश्तेदार की मौत हो जाने पर भी हमारे यहां अनेक परंपराओं का पालन किया जाता है। मृत्यु एक अटल सत्य है। जिसने जन्म लिया है उसे मृत्यु अवश्य प्राप्त होगी। इसलिए हिंदू धर्म में मृत्यु के संबंध में कई महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं। ऐसा ही एक नियम है मृत व्यक्ति के बिस्तर घर में ना रखने का।
माना जाता है कि मृत व्यक्ति के बिस्तर रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसलिए हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार किसी घर में मौत होती है तो उस घर में बारह दिन का सुतक रहता है यानी बारह दिन तक घर में पूजा-पाठ भी नहीं किया जाता है। उसके बाद सुतक की शुद्धि की जाती है और मृत व्यक्ति के सभी सामान और बिस्तर भी दान कर दिए जाते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि मृत व्यक्ति की चीजें यदि घर में रहेंगी तो रिश्तेदार उससे मोह नहीं तोड़ पाएंगे और दुखी हाेते रहेंगे। इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य यह है कि मृत व्यक्ति के शरीर में जो सुक्ष्मजीव होते हैं वे उसके बिस्तर पर भी होते हैं। उस बिस्तर का उपयाेग करने पर कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ सकता है।
माना जाता है कि मृत व्यक्ति के बिस्तर रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसलिए हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार किसी घर में मौत होती है तो उस घर में बारह दिन का सुतक रहता है यानी बारह दिन तक घर में पूजा-पाठ भी नहीं किया जाता है। उसके बाद सुतक की शुद्धि की जाती है और मृत व्यक्ति के सभी सामान और बिस्तर भी दान कर दिए जाते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि मृत व्यक्ति की चीजें यदि घर में रहेंगी तो रिश्तेदार उससे मोह नहीं तोड़ पाएंगे और दुखी हाेते रहेंगे। इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य यह है कि मृत व्यक्ति के शरीर में जो सुक्ष्मजीव होते हैं वे उसके बिस्तर पर भी होते हैं। उस बिस्तर का उपयाेग करने पर कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ सकता है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-GYVG-rituals-related-to-death-5178906-NOR.html
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