कहते हैं खाना हमेशा सीधे हाथ से खाना चाहिए, लेकिन क्यों खाना चाहिए इसका सही कारण कम ही लोगों को पता है। दरअसल, इसका कारण सीधे हाथ का सभी धार्मिक कार्य में विशेष महत्व होना है, क्योंकि धर्म शास्त्रों के अनुसार मनुष्य शरीर का बायां भाग स्त्रियों का प्रतिनिधित्व करता है और दायां भाग पुरुषों का। इस बात की पुष्टि शिवजी के अद्र्धनारीश्वर स्वरूप से की जा सकती है। शिवजी के इस रूप में दाएं भाग में स्वयं शिवजी और बाएं भाग में माता पार्वती को दर्शाया जाता है।
हवन या यज्ञ भी हमेशा सीधे हाथ से किया जाता है। भोजन करना भी एक तरह का हवन है जो हम अपने शरीर के लिए करते हैं। दक्षिण हाथ हमेशा सकारात्मक कार्यो के लिए उपयोग किया जाता है, क्योंकि सीधे हाथ पर सूर्य नाड़ी का प्रतिनिधित्व माना जाता है। दरअसल, हमारे शरीर में मुख्य रूप से दो नाड़ियाें का प्रतिनिधित्व होता है। पहली ईडा दूसरी पिंगला जिन्हें सूर्य और चंद्र नाड़ी भी कहते हैं। इसलिए सीधे हाथ से ग्रहण करने पर भोजन जल्दी पचता है और शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है। जबकि इसके विपरित उल्टे हाथ से ग्रहण किए गए भोजन से शरीर को पूरा पोषण व ऊर्जा नही मिलती है। इसलिए सीधे हाथ से भोजन करना ही श्रेष्ठ माना गया है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-why-eating-food-with-right-hand-5055653-NOR.html
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