धर्म शास्त्रों के अनुसार, रामायण का पाठ करने से पुण्य मिलता है और पाप
का नाश होता है,
लेकिन वर्तमान समय में
संपूर्ण रामायण पढ़ने का समय शायद ही किसी के पास हो। ऐसे में नीचे लिखे एक मंत्र
का रोज विधि-विधान से जप करने से संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल मिलता है। इस मंत्र को
एक श्लोकी रामायण भी कहते हैं। यह मंत्र इस प्रकार है-
मंत्र
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
जाप
विधि
- आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
- एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
जाप
विधि
- आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
- एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
जाप
विधि
- आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
- एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JKR-DHAJ-this-is-the-ek-shloki-ramayan-mantra-news-hindi-5538008-PHO.html
मंत्र
आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
जाप
विधि
- सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीराम की पूजा करें।
- भगवान श्रीराम के चित्र के सामने आसन लगाकर
रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जाप करें। प्रतिदिन पांच माला जप करने से
उत्तम फल मिलता है।- आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
- एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
ये है एक श्लोकी भागवत, विधि-विधान पूर्वक इसका जाप करने से संपूर्ण
श्रीमद्भागवत पढ़ने का फल मिलता है-
आदौ देवकी देव गर्भजननं, गोपी गृहे वद्र्धनम्।
माया पूज निकासु ताप हरणं गौवद्र्धनोधरणम्।।
कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्।
एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्।।
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।
कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्।
एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्।।
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।
जाप
विधि
- सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीकृष्ण के चित्र का
विधिवत पूजन करें।
- भगवान श्रीकृष्ण के चित्र के सामने आसन लगाकर
रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें। प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम
फल मिलता है।- आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
- एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
ये है एक श्लोकी दुर्गासप्तशती, विधि-विधान पूर्वक इसका जाप करने से संपूर्ण
दुर्गासप्तशती पढ़ने का फल मिलता है-
या अंबा मधुकैटभ प्रमथिनी,या माहिषोन्मूलिनी,
या धूम्रेक्षण चन्ड मुंड मथिनी,या रक्तबीजाशिनी,
शक्तिः शुंभ निशुंभ दैत्य दलिनी,या सिद्धलक्ष्मी: परा,
सादुर्गा नवकोटि विश्व सहिता,माम् पातु विश्वेश्वरी
या धूम्रेक्षण चन्ड मुंड मथिनी,या रक्तबीजाशिनी,
शक्तिः शुंभ निशुंभ दैत्य दलिनी,या सिद्धलक्ष्मी: परा,
सादुर्गा नवकोटि विश्व सहिता,माम् पातु विश्वेश्वरी
जाप
विधि
-
सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवती दुर्गा के चित्र का
विधिवत पूजन करें।
-
माता दुर्गा के चित्र
के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें। प्रतिदिन पांच
माला जप करने से उत्तम फल मिलता है।- आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
- एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JKR-DHAJ-this-is-the-ek-shloki-ramayan-mantra-news-hindi-5538008-PHO.html