नियमित रूप से घर के मंदिर
में पूजा करने पर शुभ फल प्राप्त होते हैं और वातावरण पवित्र रहता है, जिससे महालक्ष्मी सहित सभी दैवीय शक्तियां घर पर अपनी
कृपा बरसाती हैं। यहां जानिए कुछ ऐसी बातें जो घर के मंदिर के लिए ध्यान रखनी
चाहिए।
घर में मंदिर ऐसे स्थान पर
बनाया जाना चाहिए, जहां दिनभर में कभी भी कुछ
देर के लिए सूर्य की रोशनी अवश्य पहुंचती हो। जिन घरों में सूर्य की रोशनी और ताजी
हवा आती रहती है, उन घरों के कई दोष शांत रहते
हैं। सूर्य की रोशनी से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक
ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है।
घर में पूजा करने वाले व्यक्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर होगा तो बहुत शुभ
रहता है। इसके लिए पूजा स्थल का द्वार पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। यदि यह संभव
न हो तो पूजा करते समय व्यक्ति का मुंह उत्तर दिशा में होगा तब भी श्रेष्ठ फल
प्राप्त होते हैं।
पूजन कक्ष में नहीं ले जाना चाहिए ये चीजें
घर में जिस स्थान पर मंदिर
है, वहां चमड़े से बनी चीजें, जूते-चप्पल नहीं ले जाना चाहिए। पूजन कक्ष में पूजा
से संबंधित सामग्री ही रखना चाहिए। अन्य कोई वस्तु रखने से बचना चाहिए।
घर के मंदिर के आसपास शौचालय
होना भी अशुभ रहता है। अत: ऐसे स्थान पर पूजन कक्ष बनाएं, जहां आसपास शौचालय न हो।
यदि किसी छोटे कमरे में पूजा स्थल बनाया गया है तो वहां कुछ स्थान खुला होना
चाहिए, जहां आसानी से बैठा जा सके।
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