Tuesday, June 14, 2016

अभिभावको, अर्थहीन नाम रखने से होनेवाले परिणाम जान लें !


वर्तमान में अनेक अभिभावक अपने बच्चों के प्रयल, रूमीन, लविला, आशिता ऐसी अर्थहीन नाम रखते हैं । कुछ अभिभावक बच्चों के नाम विकी, रीटा, डॉली इत्यादि, ऐसे विलायती नाम भी रखते हैं ।

अ. अर्थहीन नाम रखनेसे बच्चोंको आध्यात्मिक स्तरपर उसका लाभ नहीं होता है ।
आ. विलायती नाम रखना एकप्रकारसे विदेशी संस्कृतिका दास्यत्व स्वीकारने समान है । देश स्वतंत्र होकर इतने वर्ष हो गए, तब भी हम आजतक दास्यत्वमें रहेंगे क्या ? ऐसे नाम रखने से अनजानेमें ही अपनी संस्कृतिको भूलाते जाते हैं !

१.अध्यात्मशास्त्रके अनुसार नाम रखने से होने वाले लाभ
अ.आध्यात्मिक नाम का बच्चों पर संस्कार होकर बच्चों की वृत्ती नामके अर्थ अनुसार बनने में सहायता होना : जब-जब बच्चे अपना नाम सुनते हैं अथवा उच्चारते हैं, उस समय नामका बच्चों पर संस्कार होता जाता है । इसलिए बच्चों की वृत्ती अनजाने में ही नामके अर्थके अनुरूप बनने में सहायक होती है, बच्चोंका नाम समर्पणहो, तो उसके मनमें समर्पण की (त्यागकी) भावना निर्माण होती है । मान लें यदि किसी लडकी का नाम अर्चनाहो, तो उसके मन में अर्चना (भगवान की उपासना) करने के विचार आएंगे ।

आ.अध्यात्म के नियमके अनुसार नाम से संबंधित भाव अथवा स्पंदन बच्चो में निर्मित होने में सहायक बनते हैं : अध्यात्म में एक नियम ऐसा है – ‘शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध एवं उनसे संबंधित शक्ति एकत्रित होती है ।मान लो किसी लडकी का नाम आनंदीहो तो उपरोक्त नियम के अनुसार उस नाम से जोडे गए आनंद के स्पंदनों का उसे लाभ होकर उसकी वृत्ती सदैव आनंदमें रहनेमें सहायता होगी ।

२.धर्मशास्त्र के अनुसार लडके-लडकियों के नाम कितने अक्षरके हों ?
अ. बच्चोंके नाम सम अक्षर संख्या में, अर्थात २-४-६ अक्षर में हों ।
आ. बच्चियोंके नाम विषम अक्षर संख्या में, अर्थात ३-५-७ अक्षरों में हों ।

३. कुछ आध्यात्मिक नामों के उदाहरण
अ. लडके: गुरुदास, देवीदास, रामदास, समर्पण, प्रेमानंद, नित्यानंद, सदानंद, विनय एवं आनंद ।
आ.लडकियां : अर्चना, आरती, प्रार्थना, साधना, नम्रता, नमिता, विनया, ऋजुता, सुविद्या, आनंदी, स्वानंदी एवं मोक्षदा ।
https://www.hindujagruti.org/hinduism-for-kids-hindi/76.html

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