सुखी जीवन के लिए शास्त्रों में कई नियम और उपाय बताए गए हैं। इन नियमों का
पालन करने पर दुख दूर रहते हैं। गरुड़ पुराण में चार ऐसे काम बताए गए हैं, जिन्हें कभी
भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। यदि इन कामों को अधूरा छोड़ दिया जाता है तो भविष्य
में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जानिए ये चार काम कौन-कान से हैं...
पहला काम
यदि कोई शत्रु बार-बार मौका देखकर हमें नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है
तो ऐसे शत्रु को काबू करें। सबसे पहले हमें शत्रु को मित्र बनाने का प्रयास करना
चाहिए। यदि शत्रु से मित्रता नहीं हो पा रही है तो उसे किसी भी प्रकार पराजित कर
देना चाहिए। यदि ऐसी शत्रुता को अधूरा छोड़ेंगे तो वह शत्रु हमेशा ही हमें नुकसान
पहुंचाने की योजनाएं बनाते रहेगा। शत्रु का भय बना रहेगा। इन बातों से बचने के लिए
किसी भी प्रकार शत्रु को काबू कर लेना चाहिए।
दूसरा काम
लोन, ऋण या उधार लिया पैसा किसी भी स्थिति में पूरा
लौटा देना चाहिए। यदि ऋण पूरा नहीं उतारा जाता है तो ब्याज के साथ ऋण फिर से बढ़ने
लगता है। इसीलिए ऋण का शत-प्रतिशत निपटारा
जल्दी से जल्दी कर देना चाहिए।
तीसरा काम
यदि कोई व्यक्ति
बीमार है तो उसे दवाइयों से और उचित सावधानियों से बीमारी को जड़ से खत्म कर देना
चाहिए। जो लोग पूरी तरह स्वस्थ नहीं होते हुए भी दवाइयां बंद कर देते हैं, उन्हें वह बीमारी वापस हो सकती है। किसी भी
बीमारी का वापस पनपना खतरनाक होता है। इसलिए बीमारी का पूरा इलाज करवाना चाहिए।
चौथा काम
यदि कहीं आग लग
रही है तो उस आग को पूरी तरह बुझा देना चाहिए। अन्यथा छोटी-सी चिंगारी भी फिर से बड़ी आग में बदल सकती है।
आग बेकाबू हो जाए तो नुकसान अवश्य पहुंचाती है। इसीलिए आग को पूरी तरह बुझा देना चाहिए।
गरुड़ पुराण के
पाठ से होते हैं ये लाभ
धर्म ग्रंथों में
गरुड़ पुराण का महत्व काफी अधिक बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति गरुड़
पुराण का पाठ करता है, उसे विद्या,
यश, सौंदर्य, लक्ष्मी, विजय और आरोग्य मिलता है। जो लोग इस पुराण का पाठ
करते हैं, वे जीवन के सभी रहस्य को
समझ लेते हैं और दुखों से दूर हो जाते हैं।
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