Thursday, January 4, 2018

रामायण और महाभारत काल की ये 7 खास तकनीक कलियुग में भी

रामायण और महाभारत काल को बीते हजारों साल हो चुके हैं, लेकिन उनसे जुड़ी कई चीजों को आज भी देखा जा सकता है। उन कालों को संबंध रखने वाली कई इमारतें, वरदान-श्राप और शक्तियां आज भी लोगों पर असर डाल रही है।
आज हम आपको रामायण-महाभारत काल की ऐसी ही कुछ शक्तिओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हजारों साल बीत जाने के बाद भी आज तक उपयोग की जा रही है। कुछ शक्तियों का रूप जरूर बदल गया है, लेकिन उनका काम और क्षमता आज भी वही है।

1. एरोप्लेन या हेलिकॉप्टर
रामायण में रावण के पास पुष्पक विमान था, जिससे वह हवाई माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह बड़ी ही आसानी से पहुंच जाता था। आज एरोप्लेन और हेलिकॉप्टर उसी की एडवांस रूप माने जा सकते हैं।

2. शल्य चिकित्सा
रामायण और महाभारत में ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें युद्ध के दौरान घायल हो जाने पर योद्धाओं के अंगों को दोबारा ठीक किया गया। आज भी ऑपरेशन के द्वारा किसी के भी खराब अंग को फिर से ठीक किया जा सकता है।

3. टारगेट मिसाइल
महाभारत में कर्ण के पास एक अमोघ शक्ति थी। जिससे वह किसी का भी नाम लेकर तीर छोड़ते तो वह इंसान चाहे जहां भी छुपा हो, ये शक्ति उसे ढूंढ कर उस पर वार कर सकती थी। इसी तरह आज भी ऐसी कई मिसाइल मौजूद हैं जिनमें लक्ष्य तय करते उन्हें छोड़ा जाए तो वे मिलों दूर तक प्रहार कर सकती हैं।

4.टेलीविजन और इंटरनेट
महाभारत में संजय ने कुरुक्षेत्र े मीलों दूर होने पर भी युद्ध का आंखों देखा हाल धृतराष्ट्र को सुना दिया था। आज टेलीविजन और इंटरनेट उसी शक्ति का एक रूप है। टेलीविजन की मदद से दुनिया केकिसी भी कोने में चल रही गतिविधि को घर बैठे लाइव देख सकते हैं।

5.परमाणु बम
रामायण और महाभारत में युद्ध के दौरान कई तरह के अस्त्रों और शस्त्रों का प्रयोग किया गया था, जिनसे मीलों दूर तक आक्रमण किया जा सकता था। आज के परमाणु बम उसी शक्ति का एक रूप है। परामाणु बम भी मिलों दूर तक प्रहार करके तबाही मचा सकते हैं।

6.बेहतरीन आर्किटेक्चर
आज के समय में कई बेहतरीन इमारतों और जगहों का निर्माण किया जाने लगा है, लेकिन इस कला का अविष्कार भी आज से हजारों साल पहले ही किया जा चुका था। रामायण-महाभारत के दिव्य महल और एक रात में बनाया गया महाभारत का प्रसिद्ध लाक्षागृह भी उसी के उदाहरण है।

7.टेस्ट-ट्यूब बेबी
गांधारी ने महाभारत में पुत्र प्राप्ति के लिए अपने गर्भ से निकले मांस को 100 घी से भरे घड़ों में रख कर पुत्र प्राप्त किए थे। उसी तरह आज टेस्ट-ट्यूब बेबी की टैक्नोलॉजी बहुत ही प्रसिद्ध है।

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