Friday, January 19, 2018

खड़े होकर खाना इसलिए सही नहीं माना गया है, हो सकती हैं ये हेल्थ प्रॉब्लम्स

भारत परंपराओं का देश है कहा जाता है यहां हर डेली रुटिन से जुड़े कामों की कुछ रवायते हैं।भोजन से जुड़ी परंपराएं भी इन्हीं परंपराओं का अंग है। भोजन से ही शरीर को काम करने की एनर्जी मिलती है। यही कारण है कि जैसे हमारे देश में हर छोटे से छोटे या बड़े से बड़े काम से जुड़ी कुछ परंपराए बनाई गई हैं।

वैसे ही भोजन करने से जुड़ी हुई भी कुछ मान्यताएं हैं। ऐसी ही एक परंपरा है खड़े होकर या कुर्सी पर बैठकर भोजन ना करने की दरअसल, ऐसा माना जाता है कि खड़े होकर भोजन करने से कब्ज की समस्या होती है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि जब हम खड़े होकर भोजन करते हैं तो उस समय हमारी आंतें सिकुड़ जाती हैं और भोजन ठीक से नहीं पच पाता है। इसलिए जमीन पर सुखासन में बैठकर खाना खाने की परंपरा बनाई गई।

सुखासन पद्मासन का एक रूप है। सुखासन से स्वास्थ्य संबंधी वे सभी लाभ मिलते हैं जो पद्मासन से मिलते हैं। बैठकर खाना खाने से सिर्फ हम अच्छे से खाना खा सकते हैं, बल्कि इससे मन की एकाग्रता बढ़ती है। जबकि इसके विपरित खड़े होकर भोजन करने से तो मन एकाग्र नहीं रहता है।इस तरह खाना खाने से मोटापा, अपच, कब्ज, एसिडीटी आदि पेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं।

Thursday, January 4, 2018

रामायण और महाभारत काल की ये 7 खास तकनीक कलियुग में भी

रामायण और महाभारत काल को बीते हजारों साल हो चुके हैं, लेकिन उनसे जुड़ी कई चीजों को आज भी देखा जा सकता है। उन कालों को संबंध रखने वाली कई इमारतें, वरदान-श्राप और शक्तियां आज भी लोगों पर असर डाल रही है।
आज हम आपको रामायण-महाभारत काल की ऐसी ही कुछ शक्तिओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हजारों साल बीत जाने के बाद भी आज तक उपयोग की जा रही है। कुछ शक्तियों का रूप जरूर बदल गया है, लेकिन उनका काम और क्षमता आज भी वही है।

1. एरोप्लेन या हेलिकॉप्टर
रामायण में रावण के पास पुष्पक विमान था, जिससे वह हवाई माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह बड़ी ही आसानी से पहुंच जाता था। आज एरोप्लेन और हेलिकॉप्टर उसी की एडवांस रूप माने जा सकते हैं।

2. शल्य चिकित्सा
रामायण और महाभारत में ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें युद्ध के दौरान घायल हो जाने पर योद्धाओं के अंगों को दोबारा ठीक किया गया। आज भी ऑपरेशन के द्वारा किसी के भी खराब अंग को फिर से ठीक किया जा सकता है।

3. टारगेट मिसाइल
महाभारत में कर्ण के पास एक अमोघ शक्ति थी। जिससे वह किसी का भी नाम लेकर तीर छोड़ते तो वह इंसान चाहे जहां भी छुपा हो, ये शक्ति उसे ढूंढ कर उस पर वार कर सकती थी। इसी तरह आज भी ऐसी कई मिसाइल मौजूद हैं जिनमें लक्ष्य तय करते उन्हें छोड़ा जाए तो वे मिलों दूर तक प्रहार कर सकती हैं।

4.टेलीविजन और इंटरनेट
महाभारत में संजय ने कुरुक्षेत्र े मीलों दूर होने पर भी युद्ध का आंखों देखा हाल धृतराष्ट्र को सुना दिया था। आज टेलीविजन और इंटरनेट उसी शक्ति का एक रूप है। टेलीविजन की मदद से दुनिया केकिसी भी कोने में चल रही गतिविधि को घर बैठे लाइव देख सकते हैं।

5.परमाणु बम
रामायण और महाभारत में युद्ध के दौरान कई तरह के अस्त्रों और शस्त्रों का प्रयोग किया गया था, जिनसे मीलों दूर तक आक्रमण किया जा सकता था। आज के परमाणु बम उसी शक्ति का एक रूप है। परामाणु बम भी मिलों दूर तक प्रहार करके तबाही मचा सकते हैं।

6.बेहतरीन आर्किटेक्चर
आज के समय में कई बेहतरीन इमारतों और जगहों का निर्माण किया जाने लगा है, लेकिन इस कला का अविष्कार भी आज से हजारों साल पहले ही किया जा चुका था। रामायण-महाभारत के दिव्य महल और एक रात में बनाया गया महाभारत का प्रसिद्ध लाक्षागृह भी उसी के उदाहरण है।

7.टेस्ट-ट्यूब बेबी
गांधारी ने महाभारत में पुत्र प्राप्ति के लिए अपने गर्भ से निकले मांस को 100 घी से भरे घड़ों में रख कर पुत्र प्राप्त किए थे। उसी तरह आज टेस्ट-ट्यूब बेबी की टैक्नोलॉजी बहुत ही प्रसिद्ध है।

Wednesday, January 3, 2018

घर में शिवलिंग है तो ये बातें जरूर ध्यान रखें, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है

शिवलिंग भगवान शिव का ही रूप हैं। भोलेनाथ एक लोटा जल अर्पित करने से भी प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन भगवान शिव जितने भोले हैं, उनका क्रोध उतना ही भयंकर भी है। कुछ लोग घर में शिवलिंग की स्थापना तो कर लेते हैं लेकिन अनजाने में उनसे अपराध हो जाते हैं। कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। विधि-विधान से किया गया पूजन ही फलदायी होता है। वहीं पूजा में कोई कमी या गलती हो जाए तो यहीं पूजा विनाशकारी सिद्ध हो सकती है इसलिए घर में शिवलिंग रखा है तो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें। 

1. घर में रखे शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। घर पर स्थापित शिवलिंग पर सदैव जलधारा रहनी चाहिए। 


2. घर में बंद स्थान पर शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग को खुले स्थान पर ही स्थापित करें। 

3. शिवलिंग को ऐसे स्थान पर कदापि न रखें, जहां विधि-विधान से पूजा न हो सके। विधि-विधान से पूजा न करना महादेव का अपमान माना जाता है। जिससे व्यक्ति किसी अनर्थ को आमंत्रित करता है। 


4. घर में अंगूठे के ऊपर वाले पोर के बराबर लंबाई का शिवलिंग ही स्थापित करें। इससे बड़ा शिवलिंग घर में रखने का विधान नहीं है, यदि रखा है तो घर में तांडव मच सकता है।


5. शिवलिंग का स्थान बदलते समय उनके चरणों को स्पर्श करें। एक बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें शिवलिंग को रखें। यदि शिवलिंग पत्थर का बना हुआ है तो गंगाजल से अभिषेक करें। 


6. शिवलिंग पर पैकेट वाला दूध अर्पित न करें। भोलेनाथ पर चढ़ने वाला दूध सादा अौर ठंडा होना चाहिए। 


7. शिवलिंग के समीप सदैव माता गौरी अौर श्रीगणेश की प्रतिमा रखनी चाहिए। शिवलिंग को कभी भी अकेले स्थापित नहीं करना चाहिए।

https://religion.bhaskar.com/news/JM-JMJ-SAS-UTLT-infog-how-to-worship-of-shivling-at-home-5780312-PHO.html