Wednesday, November 20, 2013

गौ माताकी उपयोगिता

गौ माताकी उपयोगिता


अमेरिका के कृषि विभागद्वारा प्रकाशित पुस्तक 'The cow is wonderful laboratory'(गोमाता एक आश्चर्यजनक रसायनशाला है) मे लिखा है कि गाय ही एक ऐसा जीव है, जिसकी आँत 180 फुट लम्बी होती है ,इसके कारण जो चारा ग्रहण करती है, उससे दूधमेँ कैरोटीन नामक उपयोगी पदार्थ बनता है, वह भैसके दूधसे दस गुना अधिक होता है।
2- भारतीय नस्लकी गायमेँ 33 करोड़ देवी देवताओँका वास माना गया है, जो अन्य किसी जीव मे नही है।
3-गायके दूधमेँ स्ट्रोनटियन नामक तत्तव है, जो अणु विकिरण प्रतिरोधक है।
4-गायके दूधमेँ 'सेरीब्रोसाइड' तत्तव होता है, जो मस्तिष्क एवं बुद्दिके विकाशमेँ सहायक है और अम्लपित्त एवं शरीरकी गर्मीको शान्त करनेका काम करता है।
5-गायको शतावरी खिलाकर प्राप्त दूधका उपयोग करने पर टी॰ बी॰ से मुक्ति मिल सकती है
6-गाय के दूधमेँ उसी गायका घी मिलाकर पीनेसे कैँसर ठीक हो सकता है।
7- गायकी रीढ़मेँ सूर्यकेतु नामक नाड़ी होती है जो सूर्यके प्रकाशमेँ जाग्रत् होती है, इससे यह स्वर्णके रंगका पदार्थ छोड़ती है जिससे गायके दूधका रंग हल्का पीला होता है।गायके दूधमेँ स्वर्ण तत्तव पाया जाता है, जो माँके दूधके अलावा अन्य किसीमे नही पाया जाता ।
अता गोभक्तोँ निवेदन है कि वे प्रतिदिन गोग्रासके लिये कुछ धनराशि गुल्लक मेँ अवश्य डालेँ तथा एकत्रित धनको गोशालाको प्रदानकर पुण्यके भागी बनेँ।
'जय श्रीकृष्ण'

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